देहरादून : पहाड़ों की रानी मसूरी घूमने जाने वाले पर्यटकों के लिए अच्छी खबर है। देहरादून-मसूरी के बीच प्रस्तावित रोप-वे के निर्माण को लेकत सरकार के स्तर से सभी अनुमति हो चुकी है। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में रोप-वे निर्माण के बायलॉज में राहत देते हुए टर्मिनल को निर्धारित ऊंचाई तक निर्माण की अनुमति दे दी गई।
दरअसल देहरादून और मसूरी के बीच प्रस्तावित रोप-वे की ऊंचाई और लंबाई की वजह से इसमें ऊंचे-ऊंचे टर्मिनल बनाए जाने हैं। लेकिन बायलॉज के हिसाब से इतनी ऊंचाई पर टर्मिनल का निर्माण नहीं किया जा सकता है। इसके चलते रोप-वे के निर्माण में रुकावट आ रही थी। कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने बताया कि बैठक में बायलॉज में शिथिलिकरण को मंजूरी दी गई है। इसके बाद अब रोप-वे के लिए निर्धारित ऊंचाई वाले टर्मिनल बनाए जा सकेंगे।
देहरादून से मसूरी के लिए प्रस्तावित रोपवे एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे होगा। रोपवे की लंबाई 5.5 किमी होगी। जो हांगकांग के गोंगपिंग रोपवे की लंबाई 5.7 किमी से महज सौ मीटर कम है। इस रोपवे के बनने से दून से मसूरी मात्र 15-18 मिनट में पहुंच जाएंगे। इससे मसूरी में लगने वाले ट्रैफिक के साथ ही सुरक्षित पर्यावरणीय दृष्टि से यात्रियों को सुविधाजनक यातायात का साधन सुलभ होगा।