1984 में सियाचिन में आपरेशन मेघदूत के दौरान शहीद हुए लांसनायक चन्द्रशेखर हर्बोला का अंतिम संस्कार आज रानीबाग के चित्रशिला घाट पर पूरे सैनिक सम्मान के साथ किया गया। शहीद लांसनायक चंद्रशेखर हरबोला की दोनों बेटियां कविता और बबीता ने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में लोग घाट पर मौजूद रहे। सेना, प्रशासन और पुलिस के जवानों ने शहीद को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। सीएम धामी, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य, गणेश जोशी और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी शहीद के परिजनों से मुलाकात की। वहीं शहीद लांसनायक चंद्रशेखर हरबोला की दोनों बेटियां कविता और बबीता ने पिता को मुखाग्नि दी।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 1984 में सियाचिन में आपरेशन मेघदूत के दौरान शहीद हुए लांसनायक चन्द्रशेखर हर्बोला के पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। शहीद चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर 38 वर्ष के पश्चात बुधवार को उनके आवास पहुँचने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी एवं महिला सशक्तिकरण मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
बुधवार को जैसे ही शहीद चन्द्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर डहरिया स्थित उनके आवास पर पहुँचा, पूरा क्षेत्र देश भक्ति नारों से गुंजायमान हो गया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि शहीद चन्द्रशेखर जी के बलिदान को हमेशा याद रखा जायेगा। उन्होंने कहा देश के लिए बलिदान देने वाले उत्तराखण्ड के सैनिकों की स्मृति में सैन्यधाम की स्थापना की जा रही है। शहीद चन्द्रशेखर की स्मृतियों को भी सैन्यधाम में संजोया जायेगा।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सरकार शहीद के परिवार के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़ी है। सरकार द्वारा शोक संतृप्त परिवार की हर सम्भव सहायता की जाएगी।
पुष्प चक्र अर्पित करने के पश्चात शहीद चन्द्रशेखर का पार्थिव शरीर चित्रशिला घाट रानीबाग के लिए रवाना हुआ, जहां शहीद को पूरे राजकीय सम्मान व आर्मी बैण्ड की धुन के साथ भावभीनी विदाई दी गई। इस अवसर पर सैकडों की संख्या में लोगों द्वारा नम आंखों से शहीद को श्रद्धांजलि दी गई।