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Narendra Singh Negi New Song lokatantr ma: उत्तराखंड इस समय सरकारी नौकरियों की बंदरबांट के घावों से कराह रहा हैं। योग्य लोग पीछे धकेल कर अपनों को रेवड़ियां बांट दी गई। हर भर्ती में झोल ही झोल दिख रहे हैं। हताश और निराश युवा सड़कों पर न्याय के लिए उतर आए तो इस स्थिति में कोई संस्कृतिकर्मी, रचनाकार और लोक का मर्मज्ञ चुप कैसे रहता? पहाड़ के युवाओं की वेदना और सत्ता के मिजाज को उकेरता गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह का लोकतंत्र शीर्षक से रचा गीत दो दिन में पहाड़ के कोने कोने तक पहुंच गया है। शनिवार को यह गीत इंटरनेट प्लेटफार्म पर जारी किया गया। लोकतंत्र मा नाम से रिलीज हुए इस गीत के बोल ‘‘हम त प्रजा का प्रजा ही रैग्यां लोकतंत्र मा, तुम जनसेवक राजा ह्वेग्यां लोकतंत्र मा’’ हैं।

गीत इस प्रकार है

हम त प्रजा का प्रजा हि रैग्याँ लोकतंत्रमा
तुम जनसेवक राजा हवेग्यां लोकतंत्रमा।।
जनता सड़क्यूंमा भ्रष्टाचार से लडणी अर तुम
भ्रष्टाचार मा साझा हवेग्यां लोकतंत्रमा।।
फलफूलालों जब राज्य हमारु सब चैन से खाला
फल लगिनी तुम काचा खैग्याँ लोकतंत्रमा।।
तुमारै ननतिन परिजन छन यख नौकर्या काबिल
हम बल काम न काजा हवेग्यां लोकतंत्र मा।।
करणी धरणी कुछ नी तुम बस भोंपु बजौदां नेताजि
तुम त बाजा हवेग्यां लोकतंत्रमा।।
अब नि चल्ण द्योला हम तुमारी धाँधलबाजी अळंसे गेछा,
ताजा हवेग्यां लोकतंत्र मा।।

हमारी आज की व्यवस्था के सत्य और शिल्प का बखान करते इस जनगीत में नेगी जी ने खूब खरी खोटी सुनाई है और साथ ही व्यवस्था की बखिया भी उधेड़ कर रखी है। इस गीत के माध्यम से लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने एक बार फिर जनसेवा का चोला ओढ़ने वाले नेताओं पर जमकर कटाक्ष किया है। अपने इस गीत में नरेंद्र सिंह नेगी ने जन आंदोलन का स्वरूप भी दिया है। जिसमें कहा कि अब हम नेताओं की धांधली और भ्रष्टाचार को नहीं चलने देंगे। अभी तक हम सुस्त थे और अब हम जागरूक हो गए हैं। लोगों ने भी इस गीत को हाथों हाथ लिया। यह आखिर उनकी पीड़ा को जो दर्शाता है। लोकतंत्र की विडंबना और नेता अफसरों का चाल चलन किसी रचनाकार को जब अंदर से कचोटता है तो यही स्वर फूटते हैं। इसी का नतीजा है कि इंटरनेट प्लेटफार्म पर मात्र नौ घंटे में इस गीत को 40 हजार से अधिक लोग देख चुके हैं और हर गुजरते घंटे के साथ यह संख्या बढ़ती जा रही है।

यह पहली बार नहीं है जब नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जनगीत लिखा और गाया हो। राज्य बनने के बाद सत्ता और राजनीति की कुव्यवस्था पर नरेंद्र सिंह नेगी ने कई गीत लिखे। इससे पहले वर्ष 2007 में तत्कालीन एनडी तिवारी सरकार में रेवड़ियों की तरह लालबत्ती बांटने पर ‘नौछमी नरैणा‘ गीत ने तो उत्तराखंड में कांग्रेस को सत्ता से बाहर जाने का रास्ता दिखा दिया था। उसके बाद जब भाजपा सत्ता में आयी तो नरेंद्र सिंह नेगी ने ‘‘कमीशन कु मीट भात रिश्वत कु रैलू’’ गीत से फिर भ्रष्टाचार पर प्रहार किया। और अब इस गीत के माध्यम से लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने एक बार फिर जनसेवा का चोला ओढ़ने वाले नेताओं पर जमकर कटाक्ष किया है।

नेगी जी के गाए इस गीत में शैलेंद्र पटवाल, समीर सौरभ पोखरियाल, आश्वजीत सिंह, ऋषभ कुंवर, ओमप्रकाश शुक्ला, कबिलास नेगी ने उनका साथ दिया वा रणजीत सिंह ने इसे अपने संगीत से और भी खूबसूरत सजाया है।

वीडियों के लिए यहां क्लीक करें- लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी का गीत।