देहरादून : पृथक उत्तराखंड राज्य की मांग को लेकर शांतिपूर्ण जन रैली निकाल रहे युवाओं एवं महिलाओं पर वर्ष 1994 में तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार की यूपी पुलिस द्वारा बिना चेतावनी के अचानक की गई गोलीबारी की अलग अलग घटनाओं में शहीद हुए आन्दोलनकारियों के बलिदान को कोई भी उत्तराखंडी भूल नहीं सकता है। उस विशाल जनरैली के दौरान 1 सितम्बर को खटीमा में तथा 2 सितम्बर 1994 को मंसूरी हुए गोली कांड में कई आन्दोलनकारी शहीद हुए थे। इन्ही वीर बलिदानियों की याद में हर साल उत्तराखंड के निवासी 1 और 2 सितंबर को काला दिवस के रूप में मनाते हैं और शहीद आन्दोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

इसीक्रम में शनिवार को दिल्ली से गढ़वाल हितैषिणी सभा का एक शिष्टमंडल संस्था के अध्यक्ष अजय सिंह बिष्ट की अगुवाई में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के शहीद स्मारक पहुंचा। जहां उन्होंने  1 व 2 सितंबर 1994 को खटीमा और मंसूरी में तत्कालीन  मुलायम सिंह सरकार की पुलिस द्वारा किये गए गोली कांड में शहीद हुए आंदोलनकारियों  को अपने श्रृद्धासुमन अर्पित कर अपने उद्गगार व्यक्त किए। साथ ही  उस सभा में ये भी तय हुआ कि उत्तराखंड की बेहतरीन स्थिति के लिए सभी समाजिक संगठनों को संगठित होकर मिलकर काम करना होगा।

तत्पश्चात गढ़वाल हितैषिणी सभा के शिष्टमंडल ने भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष महेंद्र भट्ट  से भेंट कर उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी। उसके बाद शिष्टमंडल ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम जिसमें कि मोबाइल होस्पिटल की मुहीम को लेकर स्वास्थ्य मंत्री धन सिह रावत से भेंट की और उनको चल अस्पताल के विषय में विस्तार से बताया और स्वास्थ्य मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा। सभा के अध्यक्ष अजय सिंह बिष्ट ने दोनों नेताओं को शुभांकर भेंट किया।

शिष्टमंडल में सभा के अध्यक्ष अजय सिंह बिष्ट के साथ सह कोषाध्यक्ष अनिल पंत, सलाहाकार रविन्द्र चौहान व समाज सेवक गणेश चन्द्रा शामिल रहे ।