BJP Yuva Morcha rally fire incedent

BJP Yuva Morcha rally: प्रदेश की राजधानी देहरादून में आयोजित भारतीय जनता युवा मोर्चा की स्वागत रैली में आज बड़ा हादसा हो गया। रैली में स्प्रे की चिंगारी से गैस से भरे गुब्बारों का गुच्छ फट गया। जिससे भाजयुमो के नये प्रदेश अध्यक्ष शशांक रावत, महानगर अध्यक्ष अंशुल चावला समेत 6 कार्यकर्ता झुलस गए। किसी का चेहरा तो किसी के हाथ जुलस गए। कुछ के बाल भी जल गए। प्रदेश अध्यक्ष का चेहरा बांयी तरफ से जला हुआ है। सभी को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल (कोरोनेशन अस्पताल) में प्राथमिक उपचार देने के बाद घर भेजा गया। बता दें कि भारतीय जनता युवा मोर्चा बीजेपी की युवा शाखा है।

बुधवार को भाजयुमो के नये प्रदेश अध्यक्ष शशांक रावत के स्वागत में बीजेपी महानगर अध्यक्ष अंशुल चावला के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने बाइक रैली निकाली थी। कार्यकर्ता सुभाष रोड स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में एकत्र हुए। यहां अपराह्न करीब डेढ़ बजे प्रदेश अध्यक्ष शशांक रावत पहुंचे। उनके लिए खुली जीप सजी हुई थी। जीप के आगे गुब्बारों का गुच्छ बंधा हुआ था। पहले प्रदेश अध्यक्ष और उनके पीछे से महानगर अध्यक्ष अंशुल चावला जीप पर चढ़े। इस बीच एक कार्यकर्ता कलर फुल स्प्रे लेकर गुब्बारों के पास पहुंचा, स्प्रे की चिंगारी से गुब्बारे फट गया। और आग लग गई। जिसमें बीजेपी युवा मोर्चा के 6 कार्यकर्ता झुलस गए। जिन्हें आनन-फानन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल के इमरजेंसी में लाया गया। जहां उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल (कोरोनेशन अस्पताल) के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर दीपक गहतोड़ी के मुताबिक, अंशुल चावला का बायां कान झुलस गया था। जबकि, ऋषभ पाल के चेहरे पर बर्न था। उन्होंने बताया कि नवीन कुमार के राइट हैंड पर रेडनेस थी। वहीं, उत्कर्ष के सिर पर बाल जल गए थे। उन्होंने बताया कि समर गुप्ता के माथे पर जलने के निशान थे। जबकि, शशांक रावत का अपसाइट का फेस जला हुआ था। प्राथमिक उपचार के बाद सभी को डिस्चार्ज कर दिया गया है। जबकि, शशांक रावत को थोड़ी देर के लिए ऑब्जर्वेशन में रखा गया था।

भाजयुमो ने रैली की भव्य तैयारी कर रखी थी। कुछ स्थानों पर भाजयुमो महानगर अध्यक्ष के दावेदार भी टोलियों के साथ स्वागत के लिए खड़े थे, जो प्रदेश अध्यक्ष को अपनी ताकत दिखाना चाहते थे, लेकिन हादसे के बाद स्वागत रैली नहीं निकाल पाई। जिस कारण कार्यकर्ता और दावेदारों को मायूस होकर लौटना पड़ा।