श्रीनगर गढ़वाल : बाल प्रतिभा सम्मान समारोह परिषद श्रीनगर गढ़वाल ने पहाड़ की बेटी अकिता भन्डारी की नृशंस हत्या पर गुरुद्वारा के निकट शोक सभा का आयोजन किया। जिसमें संस्था के निदेशक डॉ. अखिलेश चन्द्र चमोला ने अंकिता भन्डारी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। यहां ऋषि मुनियों ने साधना करके परम तत्व के साथ आत्मसात किया है। वहां इस तरह के जघन्य अपराध वाली घटनाओं को अन्जाम देना बहुत बड़े दुर्भाग्य को दर्शाता है। इस तरह की आपराधिक घटनाओं से यह बोध होता है कि भावी पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित नहीं हैं।
होनहार अंकित भन्डारी अपनी पारिवारिक स्थिति को मजबूत करने के लिए अपने पैरों पर खड़ी होकर समाज में अपना एक उदाहरण प्रस्तुत करना चाहती थी। लेकिन दरिन्दो ने उसके उज्जवल भविष्य को सदा सदा के लिए समाप्त कर दिया। इस तरह की घिनौनी और समाज को तार तार कर देने वाली घटना का बाल प्रतिभा सम्मान समारोह परिषद कड़ी निन्दा करते हुए प्रशासन से दोषी व्यक्तियो के लिए कठोर से कठोर सजा की मांग करता है।
अंकिता भन्डारी की पारिवारिक स्थिति को देखते हुए, वर्तमान सरकार को उन्हें उचित मुआवजा के साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की भी व्यवस्था करनी चाहिए, बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आज हम अपने घर में भी सुरक्षित नहीं हैं। इतना ज्यादा नैतिक पतन हो चुका है कि अपने ही रिजार्ट में अपनी सह कर्मी को जबरन गलत कार्य करने के लिए मजबूर कर रहें हैं। इस शोक सभा में नवाखाल के प्रधानाचार्य महेंद्र सिंह नेगी, राकेश मोहन कन्डारी, हरेंद्र कुमार, श्वेता विष्ट, अनूपमा बलूनी, डा गब्बर सिंह भंडारी आदि ने भी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए मुख्य रूप से अपने बिचार रखे।