A monk killed another monk in Rishikesh

ऋषिकेश : ऋषिकेश के लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र में साधुओं के बीच खूनी संघर्ष का मामला सामने आया है। जिसमे एक साधु ने दूसरे साधु को मौत के घाट उतार दिया। मिली जानकारी के मुताबिक बाउंड्री वाल बनाने को लेकर हुए आपसी विवाद में एक साधु ने दूसरे साधु के सिर पर फावड़ा मारकर उसे मौत के घाट उतार दिया। हत्या करने के बाद आरोपी साधु मौके से फरार हो गया। आसपास रहने वाले साधुओं की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। शाम को पुलिस ने आरोपी साधु को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार स्वर्गाश्रम क्षेत्र के मस्तराम घाट के पास कुटिया नबंर 13 में स्वामी रामानंद सरस्वती (55) उर्फ शरद शिष्य स्वामी शिवानंद सरस्वती रहते हैं। उनके पास में ही 103 नंबर कुटिया में हरभजन दास शाह रहता है।

बुधवार सुबह स्वामी रामानंद सरस्वती दोनों कुटियाओं के बीच एक बाउंड्री वाल का निर्माण करा रहे थे। हरभजन दास ने निर्माण कार्य कर रहे श्रमिकों को चहारदीवारी के करीब लगे नागफनी के पौधे को नुकसान न पहुंचाने के लिए कहा। लेकिन जब वह लौटा तो नागफनी का पौधा उखड़ा मिला। जिसे देखकर कुटिया के स्वामी हरभजन दास को गुस्सा आ गया। और वह ताव में आकर निर्माण स्थल पर जा पहुंचा और कुटिया के बाहर बाउंड्री का निर्माण करा रहे रामानंद सरस्वती के साथ झगड़ने लगा। झगड़ा इस कदर बढ़ा कि स्वामी हरभजन दास ने गुस्से में आकर समीप रखे फावड़े से स्वामी रामानंद सरस्वती के सिर पर वार कर दिया। जिससे 55 वर्ष के रामानंद सरस्वती लहुलुहान होकर नीचे गिर गए।

आश्रम के आसपास रहने वाले साधुओं की सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। तब तक रामानंद सरस्वती की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने शव को कब्जे में लिया। इस बीच आरोपित हरदास मौके से भाग निकला। थानाध्यक्ष लक्ष्मणझूला विनोद गुसाई ने बताया कि मुनिकीरेती थाना क्षेत्र के दयानंद आश्रम निवासी रामानंद सरस्वती के भाई परितूष की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी हरभजन दास शाह के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।

पुलिस ने आरोपी को शाम को उसकी कुटिया के पास से गिरफ्तार कर लिया। थाना प्रभारी ने बताया कि रामानंद सरस्वती मूलरूप से उड़ीसा के गंजाम जिले के रहने वाले थे। दो साल से रामानंद स्वर्गाश्रम क्षेत्र की लीज की भूमि पर बनी कुटिया में रह रहे रहे थे। जबकि आरोपी हरभजन दास शाह मूल रूप से मध्य प्रदेश के शहडोल का रहने वाला है। वह वर्ष 2013 से यहां रह रहा है। आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि पहले रामानंद ने उसको मारने के पत्थर उठाया था।