महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अपने बयानों की वजह से आए दिन सुर्खियों में बने रहते हैं। करीब तीन महीने पहले राज्यपाल कोश्यारी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि, कभी-कभी मैं यहां लोगों से कहता हूं कि महाराष्ट्र में विशेषकर के मुंबई-ठाणे से गुजरातियों और राजस्थानियों को निकाल दो, तो तुम्हारे यहां पैसा बचेगा ही नहीं। ये मुंबई आर्थिक राजधानी कहलाती, वो आर्थिक राजधानी कहलाएगी ही नहीं।
राज्यपाल के इस बयान के बाद महाराष्ट्र में भाजपा के साथ शिवसेना, एनसीपी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना समेत तमाम दलों के नेताओं ने कड़ा एतराज जताया था। इस बार गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर टिप्पणी करके नए विवाद को जन्म दे दिया। महाराष्ट्र की राजनीति में 3 दिनों से यह मामला गरमाया हुआ है। राज्यपाल कोश्यारी के बयान पर सियासी घमासान और तेज हो गया है। कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना नेता राज्यपाल का इस्तीफा मांग रहे हैं।
शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने भगत सिंह कोश्यारी के बयान पर कड़ा एतराज जताते हुए निशाना साधा है। संजय राउत ने कहा कि सरकार तटस्थ होनी चाहिए और उसे अपने शब्दों और आचरण में गरिमा दिखानी चाहिए। हमारी सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा फुले या सावित्रीबाई फुले पर बोलती है, क्या वे महाराष्ट्र का मजाक बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य में किसी भी राज्यपाल के खिलाफ इतना गुस्सा कभी नहीं हुआ। लोग हंगामा कर रहे हैं। महाराष्ट्र में राज्यपाल पद की गरिमा खत्म हो गई है, क्योंकि बीजेपी ने राजभवन को अपना पार्टी मुख्यालय बना लिया है।
वहीं एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा था कि भगत सिंह कोश्यारी राज्य की भावनाओं और महान योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज को नहीं समझ सकते तो उन्हें राज्यपाल पद छोड़ने पर विचार करना चाहिए। अजित ने राज्यपाल की टिप्पणी पर पीएम मोदी से संज्ञान लेने की अपील भी की। इसके अलावा शिंदे सरकार के विधायक ने भी राज्यपाल के इस बयान पर आपत्ति जताई है। संजय गायकवाड़ ने कहा, राज्यपाल को यह समझना चाहिए कि छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्श कभी पुराने नहीं पड़ते और उनकी तुलना दुनिया के किसी भी अन्य महान व्यक्ति से नहीं की जा सकती है।
केंद्र में भाजपा नेताओं से मेरा अनुरोध है कि एक ऐसा व्यक्ति जो राज्य के इतिहास को नहीं जानता है उसे कहीं और भेजा जाए। गायकवाड़ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी (बालासाहेबंची शिवसेना गुट) के विधायक हैं, जो भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन में सरकार चलाते हैं। बता दें कि 3 दिन पहले शनिवार को औरंगाबाद में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में एक समारोह को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि आज अगर आपसे कोई पूछे की आपके पसंदीदा लीडर कौन हैं तो आपको बाहर जाने की जरूरत नहीं है, यहीं महाराष्ट्र में ही मिल जाएंगे। शिवाजी तो पुराने युग की बात है, नए युग में डॉ. अंबेडकर से नितिन गडकरी तक यहीं मिल जाएंगे। राज्यपाल के इस बयान के बाद नितिन गडकरी का बयान भी सामने आया है जिसमें उन्होंने अपनी तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज से किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। इससे पहले शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सरकार में भी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच कई बार मनमुटाव सामने आया था।