Gold medalist Aryan and Devansh honored in Asian Championship

श्रीनगर गढ़वाल : हिमालय साहित्य एवं कला परिषद श्रीनगर गढ़वाल की ओर से सोमवार को श्रीनगर में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई तथा पंडित मदन मोहन मालवीय की जन्म तिथि, तुलसि जयंती, क्रिसमस दिवस के साथ ही नव वर्ष के स्वागतार्थ आयोजित इस साहित्यिक समारोह में देश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रख्यात कवियों ने काव्य पाठ किया।

अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का शुभारम्भ बतौर मुख्य अतिथि प्रो. आरपी गैरोला, प्रो. एसएस रावत, पूर्व पालिका अध्यक्ष कृष्णानंद मैठाणी ने दीप प्रज्जवलित कर समारोह का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय विश्व विद्यालय श्रीनगर गढ़वाल से सेवानिवृत्त प्रो. सम्पूर्ण सिंह रावत‌ ने की.

सबसे पहले कवि सम्मेलने में इंदौर से पहुंचे कवि अशोक नागर ने घर बड़ा हो या छोटा गर मिठास ना हो तो, आदमी क्या आएंगे चीटियां नहीं आती रचना प्रस्तुत की जिस पर पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा। उसके बाद लखनऊ के साहित्यकार श्यामल मजूमदार की हास्य व्यंग्य रचनाओं “सियासत में अंन्धी कमाई न होती। तो चेहरे पर उनके लुनाई ना होती। अगर कुत्ता उनका गटर में न गिरता। तो सीवर की जल्दी सफाई न होती”। पर श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाईं।

इसके बाद हरदोई से आये गीतकार सुखदेव पांडेय सरल ने मां पर केंद्रित मुक्तक सुनाकर खूब वाहवाही बटोरी। इसके साथ ही उनकी उत्तराखण्ड पर केंद्रित रचना तू  मेरा  है  मुझे  तुझपे  घमंड  है, इसलिये प्यार भी तुझसे प्रचंड है. तन भले ही हैं दो प्राण है एक ही, मैं  हूँ  यू पी  तो  तू  उत्तराखंड है.” को श्रोताओं ने खूब सराहा।

शहजहांपुर से आए युवा कवि प्रशांत बाजपेई ने “कैसे ना संदेह करें हम राजनीति की खोटों पर।, चौराहों पर चिल्लाऊंगा  भारत मां की चोटों पर।, गांधी जी और सावरकर पर रोना-धोना बंद करो। कब सुभाष का फोटो छापोगे भारत में नोटों पर? रचना सुनाकर देशभक्ति से श्रोताओं को ओत-प्रोत किया।

पौड़ी की कवियत्री डॉ. ऋतु सिंह ने “चले आओ पहाड़ों पर, निमंत्रण दे रही हूं मैं” सुनाकर कवि सम्मेलन को जीवंत कर दिया। झांसी के कवि डॉ. दीपक द्विवेदी ने आध्यात्म पर केंद्रित कविता “बड़े संकोच में इस गीत को गाना पड़ा है, तुम्हें बैकुण्ठ से उर में मेरे आना पड़ा है” सुनाकर भक्ति रस में डुबो दिया। कवि सम्मेलन का संचालन प्रसिद्ध कवि नीरज नैथानी ने किया।

एशियन चैंपियनशिप में पावर लिफ्टिंग में स्वर्ण पदक विजेता आर्यन व देवांश का किया सम्मान

हिमालय साहित्य एवं कला परिषद चैरेटेबल ट्रस्ट की ओर से किर्गिस्तान में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले श्रीनगर के आर्यन कंडारी व देवांश नौटियाल का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। सम्मान में उन्हें स्मृति चिह्न, सम्मान पत्र व शॉल भेंट किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने उनकी उपलब्धि को देश एवं श्रीनगर के लिए गौरव का विषय बताया।Gold medalist Aryan and Devansh honored in Asian Championship

इस अवसर पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय विश्व विद्यालय श्रीनगर गढ़वाल से सेवानिवृत्त प्रो० सम्पूर्ण सिंह रावत‌, मुख्य अतिथितित्व प्रोफेसर आर०पी० गैरोला ने किया। प्रोफेसर प्रकाश नौटियाल, प्रोफेसर उमा मैठाणी, प्रोफेसर डीआर पुरोहित, प्रोफेसर आरसी डिमरी, प्रोफेसर संजय पाण्डेय, श्रीकोट गंगानाली व्यापार संघ के अध्यक्ष नरेश नौटियाल, शैलनट नाट्य संस्था के अध्यक्ष अभिषेक बहुगुणा, रोटरी क्लब के वेद व्रत शर्मा, डा. प्रकाश चमोली, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्रीकृष्ण नंद मैठाणी, जिला व्यापार एवं उद्योग संगठन अध्यक्ष वासुदेव कंडारी, वरिष्ठ रंगकर्मी विमल बहुगुणा,  राजेश जैन, महेश गिरि, जय कृष्ण पैन्यूली, देवेन्द्र उनियाल, त्रिलोक थपलियाल, अजय चौधरी, प्रेम सिंह उचोली आदि उपस्थित रहे। कवि सम्मेलन का संचालन डॉ. प्रकाश चमोली एवं नीरज नैथानी ने किया। अंत में संस्था की मुख्य ट्रस्टी डॉ. उमा मैठाणी एवं शम्भू प्रसाद भट्ट स्नेहिल ने सभी आमंत्रित अतिथियों का आभार व्यक्त किया। राष्ट्रगान के गायन के साथ यह गरिमापूर्ण अखिल भारतीय समारोह संपन्न हुआ।