जम्मू कश्मीर स्थित सियाचिन का नाम सुनते ही ठंड का अहसास होने लगता है। ऐसे में हमारे भारतीय जवान हमेशा इस जगह मुस्तैदी के साथ डटे रहते हैं। सियाचिन पर जवानों के लिए ड्यूटी करना सबसे अधिक जोखिम बना रहता है। बर्फीले तूफान और तेज ठंड के साथ दुश्मनों से भी बच कर रहना पड़ता है। अब सियाचिन में भारतीय सेना की पहली महिला कैप्टन शिवा चौहान को तैनात किया गया है।
भारतीय सेना के फायर एंड फुरी कॉर्प्स की महिला कैप्टन शिवा चौहान को दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र पर तैनात किया गया है। शिवा 15,632 फीट की ऊंचाई पर स्थित सबसे खतरनाक कुमार पोस्ट पर ड्यूटी कर रही हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब भारतीय सेना ने किसी महिला को इतने खतरनाक पोस्ट पर तैनात किया है। दुनिया का सबसे कठिन युद्ध क्षेत्र सियाचिन में रहना जितना मुश्किल है, उसकी ट्रेनिंग भी उसके कई गुना कड़ी होती है। सियाचिन बैटल स्कूल में जवानों को इसका प्रशिक्षण दिया जाता है। कैप्टन शिवा चौहान को भी इसी स्कूल में ट्रेनिंग दी गई।
सियाचिन ग्लेशियर पर ज्यादातर समय शून्य से कई डिग्री नीचे तापमान रहता है। सियाचिन को 1984 में मिलिट्री बेस बनाया गया था। अभी तक हादसों और हिमस्खलन की चपेट में आने से कई जवानों की यहां मौत भी हो चुकी है। एक आंकड़े के मुताबिक 1984 से 2015 तक सियाचिन में खराब मौसम की वजह से सियाचिन में 873 जवानों की मौत हो चुकी थी। सियाचिन में दिन का तापमान शून्य से 21 डिग्री कम यानी माइनस 21 डिग्री सेल्सियस (-21°C) रहता है, जबकि रात में पारा 10 डिग्री (-10°C) और अधिक गिर जाता है। सियाचिन में आम तौर पर रात का तापमान शून्य से 32 डिग्री सेल्सियस नीचे (-32°C) आसपास रहता है।
सियाचिन ग्लेशियर पर 3 हजार सैनिक हमेशा तैनात रहते हैं। इन तीन हजार जवानों की सुरक्षा भी बेहद जरूरी है। भारत सरकार सियाचिन पर मौजूद जवानों हर दिन करीब 5 करोड़ रुपये खर्च करती है। इसमें सैनिकों की वर्दी, जूते और स्लीपिंग बैग्स भी शामिल होते हैं। फायर एंड फुरी कॉर्प्स ने ट्वीट करके कहा कि कैप्टन शिवा चौहान फायर एंड फुरी सैपर्स हैं। वह कुमार पोस्ट पर तैनात होने वाली पहली भारतीय महिला हैं। यह दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है। कैप्टन शिवा ने इस जगह की तैनाती से पहले काफी कठिन ट्रेनिंग पूरी की है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कैप्टन शिवा चौहान को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया- शानदार खबर, मुझे ये देखकर काफी खुशी हो रही है कि अधिक महिलाएं सशस्त्र बलों में शामिल हो रही हैं और हर चुनौती का डटकर सामना कर रही हैं। यह उत्साहजनक संकेत है। कैप्टन शिवा चौहान को मेरी शुभकामनाएं।