Sammed Shikhar Jain tirth sthal

Sammed Shikhar Jain Shrine: कई दिनों से पूरे देश में जैन समाज झारखंड में स्थित तीर्थ स्थल ‘सम्मेद शिखर’ पर्यटन स्थल घोषित करने के राज्य सरकार के फैसले को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। वहीं मंगलवार को सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले के विरोध में बीते 25 दिसम्बर से अनशन पर बैठे जैन मुनि सुज्ञेय सागर का जयपुर में निधन हो गया। 72 साल के सुज्ञेयसागर महाराज अनशन पर थे। पुलिस ने बताया कि महाराज ने 25 दिसंबर से कुछ खाया नहीं था और मंगलवार को उनका निधन हो गया।

सरकार के फैसले को लेकर जयपुर में निकाले गए शांति मार्च में भाग लेने के बाद जैन मुनि शहर के सांगानेर इलाके स्थित संघीजी मंदिर में अनशन पर बैठ गए थे। उन्होंने बीते 25 दिसंबर से न कुछ खाया था और न ही कुछ पिया था। जैन मुनि सुज्ञेयसागर जी महाराज राजस्थान के ही बांसवाड़ा जिले के रहने वाले थे।

बता दें कि सम्मेद शिखरजी झारखंड के पारसनाथ पहाड़ियों में एक जैन तीर्थस्थल है। राज्य सरकार ने इसे एक पर्यटक आकर्षण में बदलने का फैसला किया है, जिससे जैन समुदाय नाराज है। देशभर में जैन समुदाय एकजुट होता जा रहा है। पिछले एक सप्ताह से झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और दिल्ली में जैन समुदाय के लोग अपनी मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं।

क्या है विवाद ?

अगस्त 2019 में केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय ने सम्मेद शिखर और पारसनाथ पहाड़ी को इको सेंसेटिव जोन घोषित किया था। इसके बाद झारखंड सरकार ने इसे पर्यटन स्थल घोषित किया। अब इस तीर्थस्थल को पर्यटन के हिसाब से तब्दील किया जाना है। इसी बात पर जैन समाज को आपत्ति है। उनका कहना है कि ये पवित्र धर्मस्थल है और पर्यटकों के आने से ये पवित्र नहीं रहेगा। जैन समाज को डर है कि इसे पर्यटन स्थल बनाने से यहां असामाजिक तत्व भी आएंगे और यहां शराब और मांस का सेवन भी किया जा सकता है। जैन समाज की मांग है कि इस जगह को इको टूरिज्म घोषित नहीं करना चाहिए। बल्कि इसे पवित्र स्थल घोषित किया जाए ताकि इसकी पवित्रता बनी रहे।

समुदाय के लोग झारखंड स्थित जैनों के पवित्र स्थल सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले के खिलाफ हैं और इसे वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। जैन समुदाय के लोगों का कहना है कि इसे पर्यटन स्थल बनाने से इसकी पवित्रता नष्ट हो जाएगी। इस मामले में अब उन्हें दूसरे धर्म के प्रमुख लोगों का भी साथ मिल रहा है।

झारखंड के गिरिडीह जिले में एक पहाड़ी है जिसे भगवान पारसनाथ पर्वत के नाम से जाना जाता है। इस पर्वत का नाम जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पारसनाथ के नाम पर है। इसी पर्वत पर सम्मेद शिखर जी है, जिसे कई बार ‘शिखर जी’ भी कहा जाता है। जैन समुदाय खासतौर पर श्वेताम्बर समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मान्यता है कि जैन धर्म से 24 में से 20 तीर्थंकरों को यही पर मोक्ष प्राप्त हुआ था। दुनियाभर से हर साल हजारों जैन श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और 27 किलोमीटर की परिक्रमा पूरी कर शिखर पर पहुंचते हैं।