Atiq-Ahmed-and ashraf murder

Atiq Ahmed Murder Case: यूपी के प्रयागराज में कल देर रात तीन हमलावरों ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस टीम की मौजूदगी में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। इस मामले में शासन के आदेश पर 17 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इन्हीं 17 पुलिस वालों को अतीक और अशरफ की सुरक्षा में लगाया गया गया था। फिलहाल सभी को सस्पेंड कर दिया गया। शहर में आरएएफ और पीएसी की कंपनियों को भी तैनात कर दिया। इसके अलावा आसपास के जिलों जैसे कौशाम्बी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, जौनपुर आदि इलाकों से फोर्स को बुला लिया गया।

अतीक और अशरफ की हत्या के बाद पुलिस ने दोनों के शवों को मोतीलाल नेहरू अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में रख दिया था। घटना के करीब पौन घंटे बाद मीडियाकर्मी लगातार प्रयास कर रहे थे कि उन्हें शव दिखा दिया जाय लेकिन पुलिस किसी को जाने नहीं दे रही थी। इस बीच नकाब में दो महिलाएं पहुंचीं और इमरजेंसी में जाने का प्रयास करने लगीं। वहां पर एसीपी श्वेताभ पांडेय को लगाया गया था।

उन्होंने पूछा कि वे कौन हैं। कुछ देर तो दोनों ने कहा कि वे रिश्तेदार हैं। वे देखना चाहती हैं। जब पुलिस ने नहीं जाने दिया तो एक महिला ने बोला कि वह अतीक की भाभी है। तुम लोगों ने ही उसे मार डाला है। इतना सुनते ही मीडियाकर्मियों ने दोनों महिलाओं को घेर लिया। उनसे हत्याकांड को लेकर सवाल पूछे जाने लगे। दोनों महिलाएं किसी तरह वहां से पुलिस की सुरक्षा में बाहर निकलीं। वे कौन थीं, यह नहीं पता चल पाया।

अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को फील्ड में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यूपी में शांति व्यवस्था बनी रहनी चाहिए। इसमें सभी प्रदेश वासी सहयोग भी कर रहे हैं। आम जनता को किसी प्रकार की परेशानी ना आए इसका ध्यान रखें। सीएम योगी ने कहा कि कानून के साथ कोई भी खिलवाड़ न करे। उन्होंने जनता से अपील की है कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्य मंत्री योगी आदित्यानाथ ने घटना की उच्चे स्तकरीय जांच का आदेश देते हुए तीन सदस्यीय जांच आयोग के गठन के निर्देश दिये हैं। वहीं, घटना के बाद उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

प्रयागराज में इंटरनेट बंद

यूपी को हाई अलर्ट पर रखा गया है और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारी स्थिति की निगरानी के लिए प्रयागराज जा रहे हैं। प्रयागराज में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार घटनास्थल पर तीन पिस्तौल, एक मोटर साइकिल, एक वीडियो कैमरा और एक न्यूहज चैनल का लोगो पड़ा मिला है। तीनों हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आये और घटना को अंजाम दिया। उन्होंने अपने गले में पहचान पत्र भी लटका रखे थे।

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के हत्यारोपियों ने बताई हत्या की वजह

उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या शनिवार देर रात हो गई थी। इस हत्याकांड के आरोपियों को घटना स्थल से गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं अब इस हत्याकांड में एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली गई है। हत्याकांड में आरोपी लवलेश तिवारी, सनी सिंह  और अरुण मौर्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।

इन सभी आरोपियों के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में एफआईआर आज यानी घटना के अगले दिन दर्ज हुई है। इसमें तीनों आरोपियों को धारा 302, धारा 307, आर्म्स एक्ट की धारा 3, आर्म्स एक्ट की धारा 7, आर्म्स एक्ट की धारा 25, आर्म्स एक्ट की धारा 27 और आपराधिक कानून संसोधन की धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में पुलिस ने पूछताछ के दौरान आरोपियों द्वारा दी गई जानकारियों के बारे में विस्तार से बताया है।

एफआईआर के अनुसार आरोपियों ने कहा कि हम लोग अतीक-अशरफ गैंग का सफाया करना चाहते थे, जिससे प्रदेश में हमारा नाम होता। अतीक अहमद और अशरफ के पुलिस रिमांड की सूचना जब से हमें मिली थी तब से हम लोग मीडिया कर्मी बनकर यहां की स्थानीय मीडिया कर्मियों की भीड़ में रह रहे थे। हम लोगो दोनों को मारने के फीराक में थे किन्तु सही समय और मौके की नहीं मिल पाया। आज मौका मिला तो हमने घटना को अंजाम दिया। हम लोग पुलिस के घेरे के अनुमान नहीं लगा पाए और पुलिस की तेज कारवाई से पकड़े गए। हम कई दिनों से मारने की फिराक में थे। लेकिन सही समय या मौका नहीं मिला पा रहा था।