ग्रेटर नोएडा: एनटीपीसी दादरी ने धान की पराली आधारित ईंधन से बिजली उत्पादन शुरू कर दिया है। पराली का खेतों में जलाने से वायु प्रदूषण बहुत बढ़ रहा है। एनजीटी ने भी पराली जलाने पर सख्त नाराजगी जताते हुए सरकारों को कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं। धान की पराली व कृषि अवशेषों को जलाने से हवा में पीएम 2.5 व पीएम 10 का स्तर अचानक से बढ़ जाता है। लिहाजा एनटीपीसी दादरी ने एक इकाई में धान की पराली व अन्य कृषि अवशेषों के बने गट्ठे (पेलेटस) को कोयले के साथ आंशिक रूप से प्रतिस्थापित कर बिजली उत्पादन करना शुरू कर दिया है। साथ ही एनटीपीसी दादरी प्लांट को पूरी तरह से प्रदूषणमुक्त भी बना दिया गया है।
एनटीपीसी दादरी के मुख्य महाप्रबंधक एके दास ने पत्रकारों को बताया कि केंद्र सरकार ने बायोमास को-फाइरिंग को प्रोत्साहन देने के लिए निर्देश दिये हैं। जिसके तहत भविष्य में एनटीपीसी सारे प्लांटों में बायोमास को फायरिंग की योजना बना रहा है। उन्होंने बताया कि पराली का प्रयोग होने से न केवल विद्युत उत्पादन होता है बल्कि इससे निकालने वाल राख संयत्र के इलेक्ट्रो स्टैटिक प्रेसीपिटेटर में अवशोषित हो जाता है। जिससे वायु प्रदूषण नहीं होता है। साथ ही वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड का स्तर नहीं बढ़ता है। श्री दास ने बताया कि पावर प्लांट में कृषि अवशेष के बने पेलेटस के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आयेगी और ग्लोबल वार्मिग संकट को कम किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि एनटीपीसी ने देश भर में स्थित 21 पावर प्लांट में पेलेटस आपूर्ति का टेंडर जारी कर दिया है। जिसकी कुल खपत 19,440 टन प्रति दिन है। जिससे लगभग 5,000 करोड़ रुपये का बाजार बन सकता है। इससे प्रति वर्ष 30 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। जो एक लाख 50 हजार मेगावाट क्षमता के सोलर पैनल से होने वाले बिजली उत्पादन के बराबर है। उन्होंने बताया कि एनटीपीसी दादरी को फिलहाल हरियाणा से पराली की आपूर्ति करायी जा रही है।
श्री दास ने बताया कि पराली व कृषि के अन्य अवशेषों के एकत्रीकरण, संग्रहण व उससे पेलेटस के निर्माण क्षेत्र में निवेश कर लाभ कमाया जा सकता है। साथ ही स्टार्ट अप भी शुरू किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि एनटीपीसी दादरी में कोयला, गैस व सोलर से बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। यह प्लांट पूरी तरह से प्रदूषणमुक्त है। उन्होंने बताया कि प्लांट न केवल बिजली का उत्पादन करता है, साथ ही आसपास के गांवों के लोगों के जीवनस्तर को भी ऊंचा उठाने का कार्य कर रहा है। एनटीपीसी दादरी ने सरकारी स्कूलों के बच्चों को साइकिल, किताबें, आरओ आदि लगाये हैं। उन्होंने बताया कि प्लांट ने चालू वित्त वर्ष में कोयला से 8392 मिलियन यूनिट, गैस से 1273 मिलियन यूनिट तथा सोलर प्लांट से 4.745 मिलियन यूनिट का उत्पादन किया। देश में पहली बार नेत्रा द्वारा दादरी में सोलर पेनल की सफाई के लिए रोबोटिक ड्राई क्लीनिंग शुरू की गयी है।