CHC Rikhnikhal: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल ब्लॉक मुख्यालय में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (CHC) को उच्चीकृत सुविधाओं से युक्त किये जाने तथा चिकित्सालय का नाम शहीद हवलदार हरेन्द्र सिंह रावत के नाम पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की है। सीएम धामी की मंजूरी के बाद स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने आदेश भी जारी कर दिया है।
इस संबंध में सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि यह निर्णय शहीद हवलदार हरेन्द्र सिंह रावत की बहादुरी और बलिदान को सम्मानित करने के उद्देश्य से लिया गया है। उच्चीकृत स्वास्थ्य सुविधाएं क्षेत्रीय नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगी और उनके स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करेंगी। बता दें कि 16 अक्टूबर 2021 को सूबेदार नायक हरेंद्र सिंह रावत पुंछ जिले के मेंढर में आतंकियों की सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। हरेंद्र सिंह का परिवार पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल ब्लॉक के गांव पीपल सारी में रहता है।
जिला अस्पताल चमोली को मिला एनक्यूएस व लक्ष्य अवार्ड
सूबे के सीमांत जनपद चमोली का जिला अस्पताल नेशनल क्वालिटी इंश्योरेंस स्टैंडर्स (एनक्यूएस) के मापदंडों पर खरा उतरा है। इसके साथ ही चमोली जिला अस्पताल एनक्यूएस एवं लक्ष्य नेशनल सार्टिफिकेशन प्राप्त करने वाले अस्पतालों की श्रेणी में शामिल हो गया है। उत्तराखंड को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिये अबतक 10 एनक्यूएस तथा 19 लक्ष्य नेशनल सार्टिफिकेशन मिल चुके हैं।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत के कड़े फैसलों एवं उनके कुशल नेतृत्व के चलते प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का लगातार सुदृढ़ीकरण एवं विस्तारीकरण हो रहा है। जिसके चलते प्रदेश के अस्पतालों की सूरत बदलती नजर आ रही है। जिसका ताजा उदाहरण सीमांत जनपद चमोली का जिला अस्तपाल है। चमोली जिला अस्पताल बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के चलते नेशनल क्वालिटी इंश्योरेंस स्टैंडर्स (एनक्यूएएस) के मानकों पर खरा उतरा है। इसके लिये जिला अस्पताल को एनक्यूएस एवं लक्ष्य नेशलन सार्टिफिकेशन प्राप्त हुआ है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जिला अस्पताल के 07 अनुभागों यथा लेबर रूम, मैटरनीटी ओटी, जनरल ओटी, फार्मेसी, रेडियोलॉजी, मैटरनीटी वार्ड एवं जनरल एडमिन का गुणवत्ता अश्वासन मानक के तहत मूल्यांकन किया गया। जिसमें चिकित्सालय की सेवा व्यवस्था, मरीजों के अधिकार एवं दायित्व, सपोर्ट सेवाएं, क्लीनिकल सेवाएं, चिकित्सालय में संक्रमण नियंत्रण व गुणवत्ता नियंत्रण के मानकों की जांच की गई। जिसमें जिला चिकित्सालय को प्रत्येक अनुभाग में अव्वल पाया गया। एनक्यूएस मानकों को पूरा करने का श्रेय जिला क्वालिटी एश्योरेंस टीम एवं अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिक्षक व उनकी टीम को जाता है। स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के चलते अब तक उत्तराखंड को 10 एनक्यूएस तथा 19 लक्ष्य नेशनल सार्टिफिकेशन मिल चुके हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अबतक राज्य को भारत सरकार द्वारा दो राष्ट्रीय सर्टिफिकेशन प्राप्त हो चुके हैं जिनमें एक लक्ष्य नेशनल सार्टिफिकेट जबकि दो एनक्यूएस सार्टिफिकेट हैं। इसके अलावा दो चिकित्सा इकाईयों का एनक्यूएस मूल्यांकन किया जा चुका है जिसका परिणाम आना बाकी है।
क्या है एनक्यूएस व लक्ष्य अवार्ड
भारत सरकार प्रत्येक वित्तीय वर्ष नेशनल क्वालिटी इंश्योरेंस स्टैंडर्स के तहत तय मानकों को पूरा करने वाले चिकित्सालयों को एनक्यूएएस सार्टिफिकेशन के साथ वित्तीय सहायता प्रदान करता है। एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन राष्ट्रीय स्तर पर होता है। अस्पतालों के सर्टिफिकेशन के लिये 450 से ज्यादा संकेतकों का फीडबैक लिया जाता है। एनक्यूएएस में बायोमेडिकल वेस्ट, लिस्ट की एनओसी, एक्सरे का एवीआरवी, फायर एनओसी, मरीजों का फीडबैक, स्टाफ, साफ-सफाई, ओटी में सुविधा, दवाओं की व्यवस्था समेत अन्य कई छोटे छोटे बिन्दुओं को देखा जाता है।