Unified Pension Scheme

unified pension scheme: सरकारी कर्मचारियों में पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) की जोर पकड़ती मांग के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा एलान किया है। केंद्र सरकार ने नई पेंशन स्कीम (NPS) की जगह अब सरकारी कर्मियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) यानी एकीकृत पेंशन योजना लाने का फैसला किया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इसे लेकर सहमति बनी है। इसके तहत 25 साल तक काम करने वाले कर्मचारियों को 50 प्रतिशत पेंशन मिलेगी. वहीं, फैमिली पेंशन 60% मिलेगी. सेवा के दौरान कर्मचारी की मौत के बाद उसकी पत्नी को 60% पेंशन मिलेगी. अगर कोई कर्मचारी 10 साल तक काम करता है तो UPS के तहत उसे प्रतिमाह 10,000 रुपये पेंशन मिलेगी.

राज्य सरकारों को भी एकीकृत पेंशन योजना चुनने का मिलेगा विकल्प

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को एकीकृत पेंशन योजना ( UPS ) को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन प्रदान करना है। इस बीच, राज्य सरकारों को भी एकीकृत पेंशन योजना चुनने का विकल्प दिया जाएगा। अगर राज्य सरकारें UPS चुनती हैं, तो लाभार्थियों की संख्या करीब 90 लाख हो जाएगी।

सरकार के मुताबिक बकाया राशि (एरियर) पर 800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। पहले साल में सालाना लागत में करीब 6,250 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी। यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) और UPS में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया जाएगा। मौजूदा केंद्र सरकार के NPS ग्राहकों को UPS में स्विच करने का विकल्प भी दिया जाएगा।

कैबिनेट के फैसले का एलान करते हुए केद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देशभर में सरकारी कर्मचारियों की तरफ से हमेशा मांग आती रही कि एनपीएस स्कीम में सुधार किया जाए। इस सुधार के लिए अप्रैल 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कमेटी बनाई थी। डॉ सोमनाथन इस कमिटी के चेयरमैन थे। इस कमिटी ने 100 से अधिक सरकारी कर्मचारी संगठनों के साथ बात की। करीब सभी राज्यों के साथ इस कमिटी ने बातचीत की। राज्य सरकारों के कर्मचारियों के संगठनों को भी तरजीह दी गई। पीएम ने इस विषय को गंभीरता से लिया था। कमिटी की सिफारिश के आधार पर सरकार ने एकीकृत पेंशन स्कीम को मंजूरी दी है।

एकीकृत पेंशन योजना से जुड़ी खास बातें

  • पेंशन की सनिश्चित राशि: 25 वर्ष की न्यूनतम सेवा के लिए सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50% न्यूनतम पेंशन के रूप में मिलेगा
  • 10 वर्ष की सेवा तक कम सेवा के लिए अनुपातिक राशि पेंशन के रूप में मिलेगी
  • कर्मचारी की मृत्यु होने की स्थिति में तत्काल 60% की दर से पारिवारिक पेंशन सुनिश्चित की जाएगी
  • 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10000 रुपये प्रति माह की दर से सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन राशि मिलेगी
  • महंगाई दर के साथ इंडेक्सेशन की सुविधा मिलेगी, सुनिश्चित पेंशन, सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन पर महंगाई इंडेक्स (AICPI-W) के साथ समायोजन की सुविधा मिलेगी
  • सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त भुगतान का भी लाभ मिलेगा
  • छह महीने की सेवा के लिए (वेतन+डीए) की 10 फीसदी रकम का एकमुश्त भुगतान होगा। यानी अगर किसी की 30 साल की सर्विस है तो उसे छह महीने की सेवा के आधार पर एकमुश्त भुगतान (इमॉल्यूमेंट) होगा
  • इस भुगतान से सुनिश्चित पेंशन की मात्रा कम नहीं होगी
  • 23 लाख कर्मचारियों को फायदा, एनपीएस और UPS का विकल्प

23 लाख कर्मचारियों को फायदा, एनपीएस और यूपीएस का विकल्प

केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा। कोई एनपीएस में रहना चाहे तो उसमें रह सकता है। अगर UPS अपनाना चाहे तो इसका विकल्प चुन सकता है। राज्य सरकारें भी इस संरचना को चुन सकती है। अगर राज्य सरकार के कर्मचारी इसमें शामिल होते हैं तो 90 लाख कर्मियों को इसका फायदा मिलेगा।

1 अप्रैल 2025 से लागू होगी यूनिफाइड पेंशन स्कीम 

केद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम नई पेंशन योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के 5 पिलर्स हैं। 50 प्रतिशत सुनिश्चित पेंशन इस योजना का पहला स्तंभ है और दूसरा स्तंभ सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन होगी। यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत कम से कम 10 साल की नौकरी के बाद रिटायरमेंट पर 10 हजार रुपये प्रति माह सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन मिलेगी।

ऐसे लागू की गई स्कीम

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमने केंद्र सरकार के जॉइंट कंसल्टेटिव मैकेनिज्म (JCM) के साथ कई बार मीटिंग की। इसके बाद दुनिया के कई देशों में किस तरह की स्कीम लागू हैं, इस पर भी विचार विमर्श किया। भारत की अर्थव्यवस्था और केंद्र सरकार के बजट को समझने के लिए आऱबीआई के साथ मीटिंग की गईं। इसके बाद यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लागू किया गया। वैष्णव ने कहा कि कर्मचारियों की ओर से ये मांग की गई थी कि उन्हें सुनिश्चित पेंशन दी जाए। इस डिमांड पर हमने रिसर्च किया और 50 फीसदी सुनिश्चित पेंशन इस योजना के तहत लेकर आए हैं।

केंद्र का योगदान बढ़कर 18.5 फीसदी

कर्मचारियों पर इसका भार नहीं पड़ेगा। 10 वर्ष पहले तक कर्मचारी और सरकार 10-10 फीसदी का योगदान देते हैं। हमारी सरकार ने योगदान बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया था। यह अपने आप में बड़ा कदम था। अब केंद्र सरकार का योगदान बढ़कर 18.5 फीसदी हो जाएगा। यह स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।

किन्हें मिलेगा फायदा?

वित्त सचिव डॉ. टीवी सोमनाथन ने कहा कि जो कर्मचारी 2004 से अब तक और आगे 31 मार्च 2025 तक सेवानिवृत्त होंगे, वे भी यूपीएस के पांच बिंदुओं का फायदा ले सकेंगे। उन्हें एरियर्स भी मिलेंगे। जो राशि उन्हें मिल चुकी है, उसमें से नई गणना के मुताबिक रकम एडजस्ट होगी। एरियर्स के लिए 800 करोड़ रुपये रखे गए हैं। यह योजना पूरी तरह वित्त पोषित है। केंद्र का पेंशन में जो योगदान बढ़ेगा, उसके अतिरिक्त भार को वहन के लिए वार्षिक आधार पर 6250 करोड़ रुपये रखे गए हैं।

एरियर्स की गणना कैसे होगी?

वित्त सचिव डॉ. टीवी सोमनाथन ने कहा कि 2004 से अब तक 20 साल का वक्त गुजरा है। इस दौरान एनपीएस के तहत सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। इनका पूरा रिकॉर्ड हमारे पास है। वे कब सेवा में आए, कब वे सेवानिवृत्त हुए, तब उन्हें रकम कितनी मिली है, यह सारी जानकारी हमारे पास है। अगर वे यूपीएस चुनते हैं तो उन्हें गणना के मुताबिक ब्याज जोड़कर जितना एरियर्स बनेगा, उतना दिया जाएगा।