ग्रेटर नोएडा: यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा के परी चौक से जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक मेट्रो चलाने की प्लानिंग शुरू कर दी है। इसके लिए प्राधिकरण डीएमआरसी से फिजिबलिटी रिपोर्ट तैयार करा रहा है। डीएमआरसी के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि रिपोर्ट 15 दिन के अंदर प्राधिकरण को सौंप देंगे। रिपोर्ट को प्राधिकरण अगली बोर्ड बैठक में अनुमोदन के लिए रखेगा। अनुमोदन मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। पहले प्राधिकरण मेट्रो को सिर्फ सेक्टर 20 तक ही ले जाने की योजना बना रहा था। यह रूट करीब 28 किलोमीटर लम्बा होगा जो परी चौक के नजदीक एक्वा लाइन से कनेक्ट होगा। शुरुआत में इसमें 5 से 6 स्टेशन होंगे, जिन्हें बाद में बढाया जा सकता है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के किये एक्सप्रेस मेट्रो व सामान्य मेट्रो दोनों का जिक्र होगा।
एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो परी चौक से सीधे जेवर एयरपोर्ट के टर्मिनल तक जाएगी। इस बीच सिर्फ एक या दो ही स्टेशन होंगे। जबकि सामान्य मेट्रो सेक्टरों के पास बनने वाले सभी स्टेशनों पर रुकेगी। फिजिबलिटी रिपोर्ट तैयार कराने के लिए प्राधिकरण अक्टूबर में ही 18 लाख रुपये एडवांस में दे चुका है। फिजिबलिटी रिपोर्ट शीघ्र तैयार करने के लिए सीईओ डा. अरुणवीर सिंह की डीएमआरसी के चेयरमैन मंगू सिंह से वार्ता भी हो चुकी है।
जेवर के पास नोएडा ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रस्तावित है। इसके अलावा यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण सेक्टर 18 व 20 में 21 हजार आवासीय भूखण्डों का भी मार्च 2019 तक कब्जा दे देगा। प्राधिकरण ने बहुत पहले परी चौक से सेक्टर 20 तक मेट्रो चलाने की योजना बनायी थी। जिसके लिए फिजिबलिटी रिपोर्ट भी तैयार करायी गयी थी। अब प्राधिकरण जेवर में बनने वाले एयरपोर्ट को ध्यान में रखते हुए मेट्रो को एयरपोर्ट तक ले जाने की योजना बना रहा है। परी चौक से जेवर एयरपोर्ट तक दो तरह की मेट्रो चलाने की योजना है। जिसमें एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो व दूसरी सामान्य मेट्रो होगी। एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो परी चौक से सीधे एयरपोर्ट के टर्मिनल तक जाएगी। इस बीच एक या दो ही स्टेशन होंगे। जबकि दूसरी मेट्रो सेक्टरों के सभी स्टेशनों पर रुकेगी।
सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि डीएमआरसी ट्रैफिक सव्रे, रूट सव्रे कर रहा है। डीएमआरसी के अधिकारियों ने आासन दिया है कि 15 दिन के अंदर फिजिबलिटी रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंप दी जाएगी। उसके बाद प्राधिकरण फरवरी में होने वाली बोर्ड बैठक में अनुमोदन के लिए रखेगा। रिपोर्ट के आधार पर ही तय होगा कि मेट्रो लाइन निर्माण में केंद्र, प्रदेश व प्राधिकरणों का कितना शेयर होगा।
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