मसूरी: उत्तराखंड में निकाय के अध्यक्ष पद पर आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होने के बाद यहां पार्टियों के लिए उम्मीदवार चुनना मुश्किल होता जा रहा है। एक और जहां पुरुष उम्मीदवारों में हताशा हैं वहीं महिला और आरक्षित सीटों पर उम्मीदवारों का गणित गड़बड़ा गया हैं। हालांकि महिला उम्मीदवारों को एक नई ऊर्जा मिली है।
मसूरी नगरपालिका की नीव अंग्रेजों ने रखी थी और तब से ही यह सीट सामान्य वर्ग की रही है। लेकिन इस बार इसे OBC महिला के लिए रिज़र्व किया गया है। जिसे देखते हुए पूर्व में पार्षद का चुनाव लड़ चुकी मृदु भाषी समाजसेविका अनीता थलवाल ने कांग्रेस पार्टी से पूरे दमखम के साथ अपनी दावेदारी ठोक दी है। वे काफी वर्षों से जनता के बीच रह कर कार्य कर रही हैं और उनके कार्यों से सभी वर्गों का स्नेह उन्हें मिलता है। अनीता पार्टी के लिए निश्वार्थ भाव से समर्पित सिपाही है जो लगातार पार्टी की विचारधारा के साथ मिलकर उसे आगे बढ़ाने में प्रयासरत हैं।
उनकी दावेदारी इसलिए भी मजबूत मानी जा रही हैं कि स्थानीय होने के साथ साथ वे एक उच्चशिक्षित (एमए, डीपीएड) महिला हैं. और कॉलेज के दिनों से ही NSUI से जुडी हुई हैं। वे मसूरी के लगभग हर परिवार को व्यक्तिगत रूप से जानती हैं। उनके पति भी मसूरी के जाने माने ठेकेदार हैं। उनके व्यवहार और कार्यशैली को देखकर स्थानीय निवासी भी चाहते हैं कि वो यहां से प्रतिनिधित्व करे। पूर्व में वो यहाँ से पार्षद का चुनाव भी लड़ चुकी हैं और बहुत ही कम अंतर से हारी हैं। उसके बाद भी वो लगातार जनता के बीच में रहकर अपनी सहभागिता से उनकी समस्याओं को हल कर रही हैं।
माना जाता है कि मसूरी का चुनाव क्षेत्रवाद पर लड़ा जाता है। जिसमें टिहरी बनाम जौनपुर का मुद्दा होता हैं। लेकिन इस बर्चस्व की लड़ाई में अकसर दबदबा प्रताप नगर टिहरी का रहता हैं। ऐसे में देखा जाए तो दावेदारी के लिहाज से सारे समीकरण उनके पक्ष में जाते हैं।