पौड़ी: प्रदेश सरकार के तीन साल पूरे होने पर रविवार को पौड़ी के रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भटट का कांग्रेसियों ने जमकर विरोध किया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महेंद्र भटट को काले झंडे दिखाते हुए मुर्दाबाद के नारे भी लगाये. पुलिस ने विरोध कर रहे कांग्रेसियों को गिरफ्तार किया हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
बता दें कि बीते दिनों विधानसभा की गर्माहट से पूर्व मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बचाव में महेंद्र भट्ट का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने पहाड़ियों और विरोध प्रदर्शन करने वालों के लिए सड़क छाप भाषा का प्रयोग किया था. जिससे भट्ट प्रतिपक्ष के सवालों के घेरे में आ गये और पौड़ी कांग्रेस ने इस प्रकार के विचारों को घृणित मानसिकता से पहाड़ियों के विरोध में सवाल खड़े कर दिए.
युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव गौरव सागर ने कहा कि सरकार के भले ही 3 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन निराशाजनक रहें हैं. भाजपा सरकार में मंत्री रहे प्रेमचंद अग्रवाल ने जिस प्रकार से सदन में पहाड़ियों का अपमान किया था, सांसद भट्ट ने उनके बचाव में प्रदर्शनकरियों को सड़क छाप शब्द का प्रयोग किया, वह निंदनीय है. इसलिए पौड़ी आगमन पर भट्ट का पुरजोर विरोध किया और जिस तरह आज भी पुलिस द्वारा हमें जबरन दबाव बना कर गिरफ्तार किया गया उससे कांग्रेस दबने वालों में नहीं है. गलत का विरोध करते रहेंगे। इस अवसर पर युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव गौरव सागर, आशीष नेगी, जिलाध्यक्ष युवा कांग्रेस मोहित सिंह, जिलाध्यक्ष कांग्रेस विनोद नेगी, यशोदा नेगी, आयुष भंडारी, अमन नेगी, मुकुल कुमार आदि शामिल थे।
विरोध की आशंका को देखते हुए पुलिस ने ढाई घंटे तक रोकी रखी रोडवेज की बस, राज्य आंदोलनकारियों ने पौड़ी में धरना किया शुरू
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट के विरोध की आशंकाओं को देखते हुए पुलिस ने देहरादून से पौड़ी आ रही रोडवेज की बस देवप्रयाग में ढाई घंटे से अधिक समय तक रोका रखा। दरअसल बस में राज्य आंदोलनकारी बीरा भण्डारी कुछ महिलाओं के साथ सवार होकर पौड़ी आ रही थी।
राज्य सरकार के तीन साल पूरे होने के कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को आंदोलनकारियों की समस्याएं बताने के लिए रोडवेज की बस से पौड़ी आ रही राज्य आंदोलनकारी बीरा भंडारी सहित अन्य आंदोलनकारियों को देवप्रयाग पुलिस ने गाड़ी में ही रोके रखा। बीरा भंडारी का आरोप है कि करीब यहां ढाई घंटे से अधिक तक उनको व अन्य राज्य आंदोलनकारियों को बस में कैद रखा। जिससे बस में सवार अन्य राहगीरों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि बस के देवप्रयाग पहुंचते ही पौड़ी पुलिस ने बस को रोक दिया। पहले बताया गया कि कोई बच्चा खो गया है, इस कारण बस रोकी गई है। जबकि बाद में तलाशी के बहाने बस को रोका रखा गया। बस देवप्रयाग में करीब ढाई घंटे तक खड़ी रही। बाद में बीरा भण्डारी को बस में ही नजरबंद कर के बस को रवाना किया गया। बस में करीब आधा दर्जन पुलिस कर्मी सवार रहे। उन्होंने कहा कि देवप्रयाग के बाद उनको सबदरखाल, खांडयूसैंण में भी पुलिस द्वारा बस में कैद किया गया। पौड़ी में महेन्द्र भट्ट के रवाना होने के बाद बीरा भण्डारी को छोड़ा गया। उन्होंने कहा कि सरकार के तीन साल पूरे होने पर आंदोलनकारियों के साथ की गई यह हरकत बहुत ही शर्मनाक है।
इसके विरोध में बीरा भंडारी व अन्य राज्यआंदोलनकारियों ने रविवार से पौड़ी डीएम कार्यालय के बाहर हेमवती नंदन बहुगुणा मूर्ति स्थल पर धरना शुरू कर दिया है। कहा कि कार्डधारकों को राज्यआंदोलनकारियों का दर्जा देने की मांग पूरी नहीं होने पर वह यहीं से सीएम आवास के लिए पैदल कूच करेंगी।
रविवार को पौड़ी पहुंची राज्य आंदोलनकारी बीरा भंडारी ने धरना देते हुए कहा कि वे रविवार को रामलीला मैदान में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में महेंद्र भट्ट से राज्य आंदोलनकारियों की समस्याएं हल करने की मांग को लेकर पौड़ी आ रही थी, लेकिन देवप्रयाग पुलिस ने उनको बस में ही कैद कर लिया। कहा कि यह अपवाह फैलाई गई कि वे कार्यक्रम में महेंद्र भट्ट का विरोध करने जा रही है जबकि वह भाजपा कार्यकर्ता है उनका विरोध करने का कोई इरादा नहीं था।
राज्य आंदोलनकारी अरुणा थपलियाल ने कहा कि देवप्रयाग पुलिस ने एक बच्चे के लापता होने की बात कहकर बस को रोका और घंटों तक राज्य आंदोलनकारियों व बस में बैठे मुसाफिरों के साथ ही छोटे बच्चों को रोके रखा। जिससे उनको भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। धरना देने वालों में आरती रावत, कमला रावत, सुषमा रावत, बीना रावत, शकुंतला राणा आदि शामिल रहे।



