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देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने बीते 31 जनवरी को सामूहिक अवकाश पर रहे सरकारी कर्मचारियों का काम नहीं, तो वेतन नहीं के सिद्धांत पर जनवरी माह का वेतन रोक दिया है। यही नहीं ऊधमसिंह नगर और टिहरी जनपद के ऐसे कर्मचारियों को जिला प्रशासन द्वारा कारण बताओ नोटिस तक जारी किए हैं।

उल्लेखनीय है कि सरकार की काम नहीं तो वेतन नहीं चेतावनी के बावजूद भी बीते 31 जनवरी को प्रदेश के करीब 3 लाख सरकारी कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के बैनर तले एक दिन के सामूहिक अवकाश पर रहे। पूर्व में जारी नोटिस को देखकर सामूहिक अवकाश पर रहे कर्मचारियों को लग रहा था कि शायद एक दिन का वेतन काटा जायेगा। परन्तु यहाँ तो पूरे महीने की सैलरी रोक दी गई है। सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों में भारी नाराजगी है।

उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति इस पर कड़ा ऐतराज जताया है. समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि आंदोलन वापस लेने और समझौता हो जाने के बाद कर्मचारियों का वेतन रोकना एक गलत कार्रवाई है। समिति पदाधिकारियों ने इसकी शिकायत अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी से की। उसके बाद वह वित्त मंत्री प्रकाश पंत से मिले। वित्त मंत्री में कहा कि मैंने अपर मुख्य सचिव कार्मिक को वेतन के संबंध में समाधान निकालने के निर्देश दे दिए हैं। कार्मिक विभाग ने काम नहीं तो वेतन नहीं का आदेश निकाला था। वहीं से इसका समाधान होगा।

हालाँकि  सचिव वित्त अमित सिंह नेगी का कहना है कि सोमवार को 70 प्रतिशत कर्मचारियों का वेतन जारी हो गया है। आहरण वितरण अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद बाकी कर्मचारियों का भी वेतन जारी हो जाएगा।

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