दिल्ली में

Padma Award 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार नई दिल्ली में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह में उत्तराखंड की राधा भट्ट को सामाजिक कार्य, ह्यूग गैंट्ज़र और कोलीन गैंट्ज़र (मरणोपरांत) को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया।

पदमश्री से सम्मानित राधा भट्ट उत्तराखंड की एक प्रसिद्ध समाज सेविका हैं। वह 16 साल की उम्र में सरला बेन के आश्रम में शामिल हो गईं थीं। वह उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं और बच्चों की सेवा करती रही हैं। उन्होंने विकास के सामाजिक और आर्थिक कार्यक्रमों को चलाने के लिए बेरीनाग ग्राम स्वराज्य मंडल की स्थापना की। 1975 में चिपको आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया। वह जमनालाल बजाज पुरस्कार, गोदावरी पुरस्कार, इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार (भारत सरकार) (पर्यावरण), मुनि संतबल पुरस्कार और स्वामी राम मानवतावादी पुरस्कार सम्मानित हो चुकी हैं।

पदमश्री से सम्मानित ह्यूग गैंट्ज़र व उनकी पत्नी स्व. कोलीन गैंट्ज़र की उत्तराखंड के प्रसिद्ध यात्रा वृतांत लेखक के तौर पर पहचान है. ह्यूग भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं और कमांडर के पद से सेवानिवृत्त हुए.

भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद ह्यूग व उनकी पत्नी ने यात्रा वृतांत लेखन की विशिष्ट शैली की शुरुआत की. उन्होंने 3,000 से अधिक लेख, कॉलम और पत्रिका फीचर्स लिखे हैं और 30 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं. सभासद जसबीर कौर ने बताया कि ह्यूग गैंट्ज़र 95 साल के हो गए हैं. ह्यूग गैंट्ज़र मसूरी को लेकर काफी चिंतिंत हैं. मसूरी के विकास को लेकर सभी लोगों को मिलकर कार्य करना चाहिए और गलत कार्यों का विरोध भी होना चाहिए.

मसूरी के सबसे मशहूर जोड़ों में से एक ह्यूग और कोलीन गैंटजर आईटीबीपी स्टेशन के पास एक संकरी पहाड़ी के किनारे देवदार के पेड़ों के बीच स्थित 180 साल पुरानी झोपड़ी में रहते थे। पिछले साल कोलीन गैंटजर के निधन के बाद ह्यूग गैंटजर उसी झोपड़ी में रह रहे हैं।
कमांडर ह्यूग गैंटजर (सेवानिवृत्त), एक अनुभवी नौसेना अधिकारी जो अग्रणी यात्रा लेखक बन गए, को भारतीय यात्रा पत्रकारिता में उनके विशिष्ट योगदान के लिए उनकी दिवंगत पत्नी कोलीन गैंटजर के साथ संयुक्त रूप से पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। पांच दशकों से अधिक की अवधि में, गैंटजर ने भारत की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विविधता का सावधानीपूर्वक वर्णन किया। वे भारतीय समाचार पत्रों के लिए नियमित यात्रा स्तंभ लिखने वाले पहले लोगों में से थे और उन्होंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की व्यापक यात्रा की