Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद विमान हादसे को एक महीने हो गए हैं। इस मामले की जांच कर रही विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 12 जून को हुए अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया हादसे के दौरान कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में इंजन फेल होने के दौरान दोनों पायलटों के बीच अहम बातचीत दर्ज है। 15 पन्नों की इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट में दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण विमान के दोनों इंजनों में फ्यूल की सप्लाई बंद होना बताया गया है। टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच बंद हो गए, जिससे इंजन रुक गए. कॉकपिट की बातचीत में एक पायलट ने पूछा कि स्विच किसने बंद किया, दूसरे ने कहा “नहीं किया”। पायलटों ने इंजन दोबारा चालू करने की कोशिश की, लेकिन एक इंजन ठीक से शुरू नहीं हुआ। आपातकालीन पावर सिस्टम (RAT) खुद ही चालू हो गया। हालांकि, विस्तृत जांच, विश्लेषण और साक्ष्य संग्रह अभी भी जारी हैं। इसलिए अंतिम निष्कर्ष सामने नहीं आया है। 
पायलटों के बीच क्या बात हुई?
एएआईबी की 15 पन्नों की रिपोर्ट के मुताबिक, एक पायलट को यह पूछते हुए सुना गया, “तुमने फ्यूल क्यों बंद कर दिया?”, जिस पर दूसरे ने जवाब दिया, “मैंने ऐसा नहीं किया।” यह बातचीत उस समय हुई जब विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच 13:38:42 IST (08:08:42 UTC) पर ‘रन’ से ‘कटऑफ’ में बदल गए। ठीक इसी समय बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर 180 नॉट्स की अधिकतम गति पर पहुंच गया था।
काफी अनुभवी थे दोनों पायलट
हादसे के दौरान उड़ान संख्या AI171 के नियंत्रण में दो पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल और प्रथम अधिकारी क्लाइव कुंदर थे। 56 वर्षीय कैप्टन सभरवाल बेहद अनुभवी पायलट थे, जिनके पास 15,600 से ज्यादा उड़ान घंटों का अनुभव था, जिसमें बोइंग 787 पर 8,500 से ज्यादा उड़ान घंटे शामिल थे। इसके अलावा 32 वर्षीय प्रथम अधिकारी कुंदर ने 3,400 से ज्यादा उड़ान घंटों का अनुभव हासिल किया था और 2017 से एयर इंडिया के साथ थे। दोनों के पास बोइंग 787 विमान चलाने का लाइसेंस और योग्यता थी।
हादसे में 260 लोगों की हुई मौत
विमान ने भारतीय समयानुसार दोपहर एक बजकर 38 मिनट 39 सेकंड पर उड़ान भरी और एक बजकर 39 मिनट 05 सेकंड पर एक पायलट ने ‘मेडे- मेडे- मेडे’ संदेश दिया। इस दुर्घटना को दशकों में भारत की सबसे भीषण विमान दुर्घटनाओं में से एक माना जा रहा है और यह बोइंग 787 से जुड़ी पहली घटना थी जिसमें विमान पूरी तरह नष्ट हो गया। बता दें कि पिछले महीने 12 जून को एयर इंडिया का विमान अहमदाबाद में टेकऑफ के कुछ ही समय बाद क्रैश हो गया। इस हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं विमान में सवार 242 व्यक्तियों में से केवल एक ही जीवित बचा था।

AAIB की रिपोर्ट में विमान दुर्घटना के ये प्रमुख कारण बताए गए 
1. इंजन विफलता का कारण: एएआईबी की रिपोर्ट के मुताबिक एअर इंडिया विमान संख्या बी-787-8 के दोनों इंजन फ्यूल कटऑफ स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ हो गए। इस कारण विमान के इंजन बंद हो गए। हालांकि, फिलहाल अंतिम निष्कर्ष सामने नहीं आया है। इंजन बंद होने के अन्य कारणों का विश्लेषण किया जा रहा है।
2. कॉकपिट में पायलटों के बीच संवाद: विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने जांच के दौरान कॉकपिट में पायलटों के बीच संवाद का भी विश्लेषण किया है। इसके मुताबिक CVR में दोनों पायलटों के बीच की बातचीत से यह स्पष्ट हुआ है कि फ्यूल कटऑफ किसी ने जानबूझकर नहीं किया था।
3. रैम एयर टर्बाइन और ऑक्सिलरी पावर यूनिट (APU) सक्रिय: रिपोर्ट के मुताबिक विमान के ऑटोमैटिक सिस्टम ने आपात परिस्थियों को देखते हुए स्वतः सहायता करने की कोशिश की, हालांकि, रैम एयर टर्बाइन और APU जैसी प्रणालियों को सक्रिय करने के बावजूद विमान क्रैश होने से नहीं बचाया जा सका।
4. पायलटों का अनुभव: जांच रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख भी किया गया है कि विमान के पायलट (कैप्टन) के पास उड़ान का कितना अनुभव था। इसके मुताबिक कप्तान के पास 15,000 घंटे से अधिक का अनुभव था, जबकि सह-पायलट के पास 3,400 घंटे उड़ान का अनुभव था।
12 जून को हादसा हुआ, एक महीने बाद जांच की स्थिति क्या है AAIB ने नागरिक विमानन मंत्रालय के पास जमा की गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ब्यूरो के अधिकारियों ने प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है। विस्तृत जांच, विश्लेषण और साक्ष्य संग्रह अभी भी जारी हैं। यही कारण है कि फिलहाल कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है।