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कल्जीखाल: ताउम्र सामाजिक एवं जन सरोकारों से जुड़े रहे उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय ललित मोहन कोठियाल की पहाड़ों में चकबंदी आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका को याद करते हुए, चकबंदी के लिए चलाए जाने वाले गरीब क्रांति अभियान ने उनके नाम पर “संकल्प श्री” सम्मान देने की घोषणा की है।

उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय ललित मोहन कोठियाल पहाड़ में खेती की जमीन की चकबंदी के लिए गणेश सिंह गरीब द्वारा चलाये गए चकबंदी अभियान से गहरे जुड़े हुए थे। 1988 से इस अभियान को उनका वैचारिक और लेखकीय समर्थन था। बीते कुछ वर्षों से तो वे सक्रिय रूप से इस अभियान से जुड़ गए थे। गरीब क्रांति अभियान के संयोजक कपिल डोभाल ने बताया कि ललित मोहन कोठियाल की स्मृति में पहला “संकल्प श्री” सम्मान, चकबंदी दिवस के दिन 1 मार्च 2019 को देहरादून के नगर निगम सभागार में दिया जाएगा। उत्तराखंड में खेती-किसानी के क्षेत्र में नए प्रयोग के लिए यह सम्मान दिया जाएगा।

क्या है चकबंदी और क्यों इसे गरीब क्रांति अभियान नाम दिया गया

चकबंदी वह विधि है जिसके द्वारा व्यक्तिगत खेती को टुकड़ों में विभक्त होने से रोका एवं संचयित किया जाता है तथा किसी ग्राम की समस्त भूमि को और कृषकों के बिखरे हुए भूमिखंडों को एक पृथक्‌ क्षेत्र में पुनर्नियोजित किया जाता है।

उत्तराखंड के पहाड़ी गांवों में खेती की जमीन को बचाने के लिए सर्वप्रथम पौड़ी गढ़वाल के कल्जीखाल ब्लॉक के अंतर्गत सूला गाँव के निवासी चकबंदी आंदोलन के प्रणेता गणेश सिंह नेगी (गरीब) द्वारा चलाये गए चकबंदी आंदोलन को गरीब क्रांति अभियान नाम के नाम से जाना जाता है। गणेश सिंह गरीब ने सर्वप्रथम 26 जनवरी 1981 में अपने गाँव सूला से चकबंदी की शुरुआत की थी। और तभी से उन्होंने गाँव-गाँव पैदल यात्रायें कर इस अभियान को चकबंदी आंदोलन का नाम देकर उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में चकबंदी को लेकर क्रांति ला दी। इसे गरीब क्रांति भी कहा जाता है। इसीलिए उनके जन्मदिवस 1 मार्च को चकबंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

विभिन्न जनसरोकारों के साथ गहरे जुड़े रहे ललित मोहन कोठियाल को याद करने का यह अच्छा प्रयास है। इसके लिए कपिल डोभाल और गरीब क्रांति अभियान के साथियों को साधुवाद।

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