देहरादून: उत्तराखण्ड सरकार ने इस वर्ष की भीषण आपदाओं से हुई क्षति की भरपाई और भविष्य में अवस्थापना संरचनाओं को सुरक्षित रखने के लिए केंद्र सरकार से 5702.15 करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज का प्रस्ताव सौंपा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु एवं सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य राजेंद्र सिंह और सचिव मनीष भारद्वाज को ज्ञापन सौंपा।
एनडीएमए अधिकारियों ने उत्तराखण्ड को हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाते हुए कहा कि राज्य को आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण और राहत कार्यों के लिए पर्याप्त सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि केवल इस मानसून सीजन में प्राकृतिक आपदा से प्रदेश को भारी क्षति हुई है। लोक निर्माण, सिंचाई, ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य एवं शहरी विकास समेत विभिन्न विभागों को कुल 1944.15 करोड़ रुपये की क्षति पहुंची है। वहीं, संभावित खतरों से निपटने और कमजोर संरचनाओं को सुरक्षित करने के लिए अतिरिक्त 3758 करोड़ रुपये की मांग की गई है।
राज्य सरकार ने बताया कि 1 अप्रैल से 31 अगस्त 2025 तक आपदा के चलते 79 लोगों की मौत, 115 लोग घायल और 90 लोग लापता हुए हैं। इस अवधि में लगभग 3953 पशुओं की मृत्यु, 238 पक्के भवन ध्वस्त, जबकि 2835 पक्के और 402 कच्चे भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। कई दुकानें, होटल, होमस्टे और व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी प्रभावित हुए हैं।
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन के निर्देशन में तैयार इस ज्ञापन को एनडीएमए ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु ने बताया कि केंद्र सरकार के साथ हुई वार्ता अत्यंत सार्थक रही और जल्द आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा।
सचिव विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि 8 सितंबर 2025 को गृह मंत्रालय की अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम उत्तराखण्ड का दौरा करेगी। टीम आपदा प्रभावित जिलों का स्थलीय आकलन कर रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी।