पौड़ी (जगमोहन डांगी): कामरेड देवानंद नौटियाल को याद करते हुए विभिन्न ट्रेड यूनियनों से जुड़े कामगारों और पौड़ी शहर के संस्कृतिकर्मियों, शिक्षकों, कलाकर्मियों, पत्रकारों, वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं ने जिला पंचायत के सभागार में श्रृद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके जन सरोकारों को याद किया।
वरिष्ठ आंदोलनकारी एवं ट्रेड यूनियन नेता सुरेन्द्र रावत सूरी ने कहा कि उनका सड़क दुर्घटना में जाना अपूरणीय क्षति है। वह हमेशा आम आदमी के सरोकारों-मजदूर वर्ग और असंगठित क्षेत्र के कर्मियों के हितों की लड़ाई लड़ते रहे।
संस्कृतिकर्मी एवं नवांकुर नाट्य समूह के संयोजक यमुनाराम ने कहा कि समाज की प्रतिबद्धता और जन संघर्षों को प्राथमिकता पर रखते हुए कामरेड देवानन्द नौटियाल ने अपना जीवन लगा दिया। वह आम आदमी के साथ-साथ सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ मुखरता के साथ सड़क पर सक्रिय रहते हैं।
पत्रकार जगमोहन डांगी ने कहा कि असमय उनके निधन ने एक सामाजिक सरोकारों के लिए प्रतिबद्ध संघर्षशील व्यक्ति को खो दिया है। वह हमेशा शहर की समस्याओं के लिए हर आंदोलन में खड़े रहते थे।
उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट के सचिव नरेशचन्द्र नौडियाल ने कहा कि कामरेड देवानंद नौटियाल ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, भोजन माताओं, ग्राम पहरियों के हितों को राज्य स्तर पर पहुँचाया। उन्होंने कहा कि आज समाज में जो जन मुद्दों के प्रति चुप्पी का दौर बढ़ गया है उसके पीछे कहीं न कहीं सामाजिक सरोकारों के प्रति हमारी उपेक्षा ही है।
इस अवसर पर जन प्रतिनिधि, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, समाज सेवी, वरिष्ठ नागरिक मंच, नवांकुर नाट्य समूह, उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट, ग्राम प्रहरी, पोस्टल यूनियन सहित शिक्षा विभाग से जुड़े सक्रिय साथियों ने देवानंद नौटियाल को याद किया। रंगकर्मी मनोज दुर्बी ने कहा कि उन्होंने सेवारत् रहते भी मुखर होकर सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज़ उठाई।
शिक्षक विनय शाह, प्रशांत नेगी, आशीष नेगी, केसर सिंह असवाल, अनिल बहुगुणा, करण नेगी सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने देवानंद नौटियाल का स्मरण किया।
मनोहर चमोली ने कहा कि आज समाज में जनहित के मुद्दों पर लामबद्ध होना लगातार घट रहा है। समाज का हर तबका अब निजी स्वार्थों के चलते सामाजिक और सार्वजनिक मंचों पर समय देने से बच रहा है। एक मौन समाज की ओर शहरवासियों का झुकाव चिंतनीय है। कामरेड देवानंद नौटियाल समाज के हितों के लिए सबसे पहले खड़े होते हुए दिखाई देते थे। उत्तराखण्ड आंदोलन में उनकी भूमिका से सब परिचित हैं। इससे पूर्व उनके चित्रपट्ट पर श्रृद्धासुमन भी अर्पित किए गए।
पूर्व मिनिस्टिल कर्मी और ओपीएस आंदोलन के संयोजक जसपाल सिंह रावत ने कहा कि वह हर आंदोलन में सक्रियता से हिस्सा लेते थे। सभी का मार्गदर्शन करते थे। डाक कर्मचारी संध के पदमेन्द्र सिंह ने कहा कि आंदालनों के जरिए कार्यस्थलों पर अव्यवस्थाओं के खिलाफ लिखित शिकायतों, प्रस्तावों पर उन्हें सदा याद किया जाएगा।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य और वर्तमान में क्षेत्र पंचायत सदस्य कल्जीखाल संजय डबराल ने कहा कि वह राज्य आंदोलन के सूत्रधारों में एक थे। इस अवसर पर भारत भूषण, भोजन माता ट्रेड यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा देवी ने भी अपने विचार प्रकट किए।
वरिष्ठ पत्रकार एवं शिक्षक बिमल नेगी, विजय मोहन रावत, रघुवीर रावत, आंगनबाड़ी से नीमा, गबर सिंह, ठाकुर सिंह, भगवान सिंह, पदमेन्द्र सिंह, मकान सिंह, छात्र नेता मोहित, आशीष नेगी हिट्टी,संवाद आर्ट के अनूप गुसांई, वरिष्ठ पत्रकार गौरव नौडियाल, वीरेन्द्र खंकरियाल, शिव प्रसाद रतूड़ी, पारस रावत, शंकर, आशीष कुमार नेगी, पूर्व पार्षद अनीता रावत, भोजन माता संघ रोशनी देवी आदि भी शामिल रहे।
स्मरण आयोजन की अध्यक्षता पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के पूर्व पदाधिकारी सरदार सिंह रावत ने की। जबकि कार्यकम का संचालन नरेश चंद्र नौडियाल ने किया