पौड़ी: उत्तराखंड राज्य आंदोलन के शहीदों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर हिमालय क्रांति पार्टी ने गुरुवार को राज्य आंदोलन की 32वीं वर्षगांठ पर काला दिवस मनाया। पार्टी के क्रांतिवीरों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर और हाथों में तख्तियां लेकर मौन जुलूस निकाला। जुलूस जिला कार्यालय से बस अड्डा, धारा रोड होते हुए कलेक्ट्रेट तक पहुंचा, जहां स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा की मूर्ति स्थल पर धरना प्रदर्शन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश महासचिव दिनेश सिंह बिष्ट ने की। उन्होंने कहा कि “यह प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज हमें स्व. लाल बहादुर शास्त्री व महात्मा गांधी की जयंती और दशहरे के दिन काला दिवस मनाना पड़ रहा है, क्योंकि अब तक सत्तारूढ़ रही सरकारें राज्य आंदोलन के शहीदों को न्याय नहीं दिला सकीं।”

बिष्ट ने राज्य सरकार से शहीद आंदोलनकारियों के लंबित मुकदमों के त्वरित निस्तारण हेतु एसआईटी गठित कर फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कराने तथा शहीदों के परिवारों को उचित आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की। उन्होंने कहा कि “यदि सरकार शीघ्र न्याय दिलाती है तो अगले वर्ष हम काला दिवस नहीं बल्कि हर्ष दिवस मनाएंगे।”

इस अवसर पर से.नि. कमांडेंट रवीन्द्र जुयाल ने कहा कि “राज्य आंदोलनकारियों की शहादत को भूलना नहीं चाहिए। उनके योगदान को नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है ताकि युवा भी राज्य की समृद्धि में सक्रिय योगदान दे सकें।”

धरना-प्रदर्शन में प्रदेश महासचिव दिनेश सिंह बिष्ट, जिला महासचिव पपेंद्र सिंह रावत, नगर उपाध्यक्ष विमला देवी व सुरेश चमोली, कोट ब्लॉक अध्यक्ष रमेश सिंह बेलवाल, अमन प्याल, पंकज कुमार, अनूप पंवार, गजपाल सिंह रावत, गबर सिंह रावत, जय नंद कोठारी, सुरेन्द्र सिंह नेगी, निशा कुमारी, बबिता देवी, राधा देवी, नागी देवी, कांता प्रसाद पोखरियाल, सोबन सिंह रावत, टीटू समेत अनेक क्रांतिवीर मौजूद रहे।

कार्यक्रम का संचालन जिला महासचिव पपेंद्र सिंह रावत ने किया।