पौड़ी: डायट प्रशिक्षण संस्थान चढ़ीगांव में आयोजित विद्यालय प्रबंधन विकास समिति (एसएमडीसी) एवं विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) के मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम में गढ़वाल मंडलीय नशा उन्मूलन नोडल अधिकारी अखिलेश चन्द्र चमोला ने नशा उन्मूलन जनजागरूकता के विषय पर विस्तृत उद्बोधन दिया।
अपने संबोधन में श्री चमोला ने कहा कि आज का सबसे बड़ा चिंतन और आश्चर्य का विषय यह है कि हमारे युवा वर्ग नशीले पदार्थों की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिससे उनकी प्रतिभा क्षीण हो रही है और वे कुंठा के शिकार बनते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पठन-पाठन के साथ-साथ शिक्षकों का यह दायित्व है कि वे नशा मुक्त समाज और नशा मुक्त विद्यालय के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे अपने आदर्शों और देश के सच्चे सपूतों के संस्मरणों से युवाओं को प्रेरित करें तथा भयमुक्त वातावरण में उन्हें नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराएं। श्री चमोला ने कहा कि भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर ही आदर्श समाज और आदर्श राष्ट्र की स्थापना संभव है।
इस अवसर पर डायट प्राचार्य स्वराज सिंह तोमर ने कहा कि अध्यापन कार्य के साथ-साथ समाज में इस प्रकार की जनजागरूकता मुहिम चलाना अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थ जानलेवा होते हैं और इनके सेवन से कैंसर, हृदय रोग तथा श्वसन संबंधी अनेक बीमारियां उत्पन्न होती हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में पांच विकासखंडों पौड़ी, खिर्सू, द्वारीखाल, जयहरीखाल और खिर्सू के 100 से अधिक शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के समापन पर डायट प्राचार्य स्वराज सिंह तोमर एवं नोडल अधिकारी अखिलेश चन्द्र चमोला ने सभी प्रतिभागियों से जीवन में कभी नशा न करने की मौलिक प्रतिज्ञा भी कराई।


