Bharat Choudhary fighting with a bear

श्रीनगर गढ़वाल: दो महिलाओं को गुलदार के हमले से बचाकर बहादुरी के लिए राज्य पुरस्कार पाने वाले रुद्रप्रयाग के रानीगढ़ पट्टी के कोट मल्ला गांव निवासी भरत सिंह चौधरी ने एक बार फिर से बहादुरी का परिचय दिया है। भरत सिंह चौधरी बुधवार सुबह कोट-मल्ला में पानी खोलने के बाद वापस घर लौट रहे थे, इसीबीच भालू ने अचानक उन पर जानलेवा हमला कर दिया। भालू से जान बचाने को लेकर वो पेड़ पर चढ़ गए, परन्तु भालू भी पेड़ में चढ़ने लगा। तब भरत ने अद्भुत साहस दिखाते हुए भालू से जमकर संघर्ष किया और शोर मचाकर उसे पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।

बेस अस्पताल में भर्ती घायल भरत चौधरी ने बताया कि आज सुबह जब पानी खोलने के बाद वह जंगल के रास्ते वापस घर लौट रहे थे, तभी भालू ने अचानक उन पर हमला कर दिया। जान बचाने के लिए वे पेड़ पर चढ़ गये, इसीबीच भालू भी पेड़ में चढ़ने लगा। जिस पर उन्होंने भालू पर लात मारना शुरू कर दिया। जब वे भालू पर लात मार रहे थे तो भालू ने उनका एक पैर मुंह में दबोच लिया और बुरी तरह जख्मी कर दिया। दूसरे पैर से वार करते हुए और शोर मचाते हुए उन्होंने किसी तरह उसे भगाया।

ग्रामीणों ने उन्हें तुरंत जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए श्रीकोट बेस अस्पताल रेफर किया गया। बेस अस्पताल में सर्जरी और आर्थो विशेषज्ञों ने उनके पैरों का त्वरित उपचार किया। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना स्वयं एक्स-रे रूम और इमरजेंसी में पहुंचे और भरत का हालचाल जाना। उन्होंने चिकित्सकीय टीम को उचित और बेहतर उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

दो महिलाओं को गुलदार से बचाकर बहादुरी के लिए पा चुके हैं राज्य पुरस्कार

भरत चैधरी की बहादुरी कोई नई नहीं है।इससे पहले वर्ष1991 में उन्होंने घास लेने गई दो महिलाओं पर झपटे गुलदार से भिड़कर उनकी जान बचाई थी। उनके साहस को देखते हुए उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह ने उन्हें जीवन रक्षा पदक और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया था।

रुद्रप्रयाग के ग्रामीण इलाकों कई भालू हैं सक्रिय

रुद्रप्रयाग के ग्रामीण इलाकों में पिछले कुछ समय से भालुओं का आतंक जारी है। जिले के रानीगढ़ पट्टी के भुनका, कोट-मल्ला सहित अन्य क्षेत्रों में कई भालू सक्रिय है।