पौड़ी: श्रीनगर पौड़ी कोटद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रस्तावित सुरंग को लेकर स्थानीय ग्रामीण खुलकर विरोध कर रहे है। स्थानीय लोगों ने इस प्रस्तावित टनल के विरोध में जिलाधिकारी से मुलाकात कर ज्ञापन भी दिया है। ग्रामीणों ने परियोजना निर्माण होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा कि वो पौड़ी गढ़वाल को जोशीमठ नहीं बनने देंगे।
दरअसल, श्रीनगर-पौड़ी-कोटद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग पर गडोली से घोड़ीखाल तक करीब 2100 मीटर लंबी टनल बनाई जानी प्रस्तावित है, जिसका गहड़, निसणी, सैणीखाल, बुआखाल, गड़ोली व प्रेमनगर के ग्रामीण विरोध कर रहे है। शुक्रवार को इन गांवों के ग्रामीण जिलाधिकारी पौड़ी स्वाति एस भदौरिया से मिलने कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि इस सुरंग के बनने से उनके भवनों को खतरा पैदा होगा। उनका कहना है कि सुरंग निर्माण के सर्वे के दौरान ग्रामीणों से कोई वार्ता, राय या सहमति नहीं ली गई। सुरंग निर्माण होने से स्थानीय ग्रामीणों, व्यापारियों का स्वरोजगार प्रभावित होगा, जिससे पलायन होने का खतरा बढ़ जाएगा। सुरंग निर्माण से सरकार को वित्तीय हानि होने की भी संभावना है।
उनका यह भी कहना है कि टनल निर्माण के दौरान होने वाले भू-धंसाव, प्रदूषण और कंपन से क्षेत्र की भौगोलिक संरचना प्रभावित हो सकती है। ग्रामीणों ने मांग की है कि पहले विस्तृत सर्वे और प्रभाव आकलन रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। ग्राम सभाओं से राय और सहमति ली जाए, आवश्यकता पड़ने पर परियोजना के स्थान में बदलाव पर विचार किया जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी बात नहीं सुनी गई तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर पहले से ही दो सड़के बनी है। सुरंग निर्माण के बजाए इन दो सड़कों का सुधारीकरण किया जाना चाहिए।
इस मौके पर ग्राम प्रधान जयराज सुरेश रावत, विनोद दनोशी, भाष्कर बहुगुणा, सुरजी देवी, रजनी, राजेंद्र सिंह रावत, पारूल रावत, अजीत रावत, बबीता देवी आदि शामिल थे।



