देहरादून: सर्वे ऑडिटोरियम में आयोजित शौर्य सम्मान समारोह में देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने वीर नारियों को सम्मानित किया। रक्षा मंत्री ने वीर नारियों के पैर छूकर देश की ओर से कृतज्ञता प्रकट की। कार्यक्रम के संयोजक विधायक गणेश जोशी थे।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उत्तराखण्ड की वीर नारियों से मिलकर उन्हें सदैव पे्ररणा मिलती है। उन्होंने कहा कि सैनिक हर परिस्थिति में देश के लिए खड़े होते हैं। देश रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों के प्रति हम सभी सदैव कृतज्ञ रहेंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने वन रैंक वन पेंशन स्वीकृत की। न केवल इसकी स्वीकृति दी गई बल्कि इसके लिए पर्याप्त बजटीय प्राविधान भी किए। अभी तक ओआरओपी पर 35 हजार करोड़ रूपए की राशि दी जा चुकी है। प्रति वर्ष 8 हजार करोड़ रूपए का बजट प्राविधान किया जाएगा। इसमें अब कोई भी एरियर लम्बित नहीं है। अब तीन वर्ष पूरे होने पर इस वर्ष इसकी समीक्षा भी की जाएगी और कोई कमियां पाएं जाने पर दूर किया जाएगा।
देश में 70 वर्ष बाद भी एक भी राष्ट्रीय वार मेमोरियल नहीं था। हमने फरवरी माह में नेशनल वार मेमोरियल बनाकर देश को समर्पित कर दिया है। यह हमारे शहीद सैनिकों की स्मृति को संजोए रखने का प्रयास है। पहले डिस्एबिलिटी के मामलों को सरकार द्वारा कोर्ट में अपील कर दी जाती थी। हमने ऐसे बहुत से मामलों को कोर्ट से वापिस लिया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमने सीविल से इक्वीलेट करने वाले नोटिफिकेशन को वापिस ले लिया है। एसएससी में महिलाओं को पुरूषों के समान ही स्थायी कमीशन मिलेगा। देश में 200-200 बेड के तीन बड़े ईसीएचएस अस्पताल बनाए जाएंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार अपने सैनिकों के साथ खड़ी है। उनके हित में जो भी सम्भव है किया जा रहा है। इस बारे में किसी प्रकार की शंका होने पर हमसे पूछिए, हर शंका का निवारण किया जाएगा। सरकार सैनिकों के मामलों में काफी संवेदनशील है।
#WATCH Defence Minister Nirmala Sitharaman felicitates and touches feet of mothers of martyrs during Shaurya Samman Samaroh in Dehradun earlier today. #Uttarakhand pic.twitter.com/JbT98o9NDC
— ANI (@ANI) March 4, 2019
उत्तराखंड में अर्धसैनिक कल्याण निदेशालय बनाया जाएगा
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य में अर्धसैनिक कल्याण निदेशालय बनाया जाएगा। हम अपनी सेना की वीरता के कारण सुरक्षित महसूस करते हैं। हमारी सेना की यह वीरता पहले भी थी और आगे भी रहेगी। जरूरत थी इनका साथ देने के लिए राजनीतिक निर्णय लेने की इच्छाशक्ति की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वह इच्छा शक्ति दिखाई है। उन्होंने आतंकवाद से निपटने के लिए सेना को पूरी स्वतंत्रता दी है। आज पूरे विश्व में यह संदेश गया है कि हम आतंकवाद को समाप्त करने के लिए दुश्मन के यहां घुसेंगे भी, मारेंगे भी और वापिस भी आएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की कूटनीति से देश के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में सुधार हुआ है। आज स्थिति यह हो गई है कि पाकिस्तान जिस ओआईसी का संस्थापक है वहां उसके विरोध के बावजूद भारत को विशिष्ट अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में देश के लिए शहादत देने की परम्परा है। हमें अपने वीर जवानों की शहादत को सदैव याद रखना है। अगर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाना है तो पूरे देश को मन बनाना होगा। आज देश के लोगों ने मन भी बनाया है। हमारे सैनिकों में जज्बा पहले भी था और हमेशा रहेगा। हमने हमेशा युद्ध जीते परंतु बातचीत में गंवा देते। परंतु अब ऐसा नहीं होगा। सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही वीर भूमि भी है। यहां के कण कण में देशभक्ति की भावना है। हमारे युवा देश के लिए सर्वस्व न्यौंछावर करने की भावना रखते हैं।
कार्यक्रम के संयोजक विधायक गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों के लिए संवदेनशील है। शहीद सैनिकों के आश्रितों के लिए योग्यता के अनुसार नौकरी का प्राविधान किया गया है। जिलों में सैनिकों की समस्याओं के निस्तारण के लिए एडीएम स्तर के अधिकारी को नोडल बनाया गया है।
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