देहरादून: काशी हिन्दी विद्यापीठ, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) द्वारा प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ० (प्रो०) डी० सी० पसबोला को उच्च मानद डॉक्टरेट (Higher Honorary Doctorate – D Litt) की उपाधि से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान हिन्दी भाषा के माध्यम से आयुर्वेद एवं योग के प्रचार-प्रसार, अनुसंधान एवं समाज सेवा में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया है।
विद्यापीठ की अकादमिक परिषद की अनुशंसा पर कुलपति डॉ० संभाजी राजाराम बाविस्कर के अनुमोदन और उपकुलपति एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ० योगेश त्रेहन के माध्यम से इस संबंध में आधिकारिक पत्र जारी किया गया।
डॉ० पसबोला ने हिन्दी भाषा के माध्यम से आयुर्वेद एवं योग के अध्ययन और प्रसार को नई दिशा दी है। उन्होंने आयुर्वेद स्नातक, योग डिप्लोमा और ध्यान (Meditation) प्रमाणपत्र प्राप्त करने के पश्चात अपने ज्ञान का उपयोग न केवल रोगियों के उपचार में किया, बल्कि हिन्दी माध्यम से चिकित्सा एवं जनजागरूकता को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य भी किया।
वे आयुर्वेद विभाग के मीडिया प्रभारी के रूप में “हर घर आयुर्वेद, करो योग रहो निरोग” और “एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य” जैसे जन-जागरूकता अभियानों का सफल संचालन कर चुके हैं। उनके नेतृत्व में विभागीय गतिविधियों का प्रचार-प्रसार मीडिया, सोशल मीडिया एवं डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से किया गया।
छह माह पूर्व भी डॉ० पसबोला को काशी हिन्दी विद्यापीठ द्वारा मानद डॉक्टरेट (Honorary Doctorate – PhD) की उपाधि से सम्मानित किया गया था। अब यह D Litt उपाधि उनकी विद्वता, शोध-योगदान और हिन्दी भाषा के प्रति समर्पण का उच्चतम प्रमाण है।
डॉ० पसबोला वर्तमान में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, देहरादून में चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं और उन्हें 21 वर्षों का चिकित्सा अनुभव प्राप्त है। वे एनसीडी रिवर्सल एक्सपर्ट, योग एवं प्राणायाम विशेषज्ञ तथा विभिन्न विश्व रिकॉर्ड्स धारक भी हैं।
आयुर्वेद एवं योग के क्षेत्र में निरंतर अनुसंधान, जनसेवा एवं शिक्षा के माध्यम से समाज में स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा देने के लिए डॉ० पसबोला के योगदान को सराहा जा रहा है।
इस उपलब्धि पर उन्हें शुभचिंतकों, सहकर्मियों और विद्यार्थियों द्वारा हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाइयां दी जा रही हैं।