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देहरादून : उत्तराखंड में अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर मध्यरात्रि से हड़ताल पर गए तीनों ऊर्जा निगमों के 3500 से ज्यादा कार्मिकों की हड़ताल खत्म हो गई है। सरकार की सख्ती और ऊर्जा मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के साथ सफल वार्ता के बाद कर्मचारी नेता इंसारुल हक ने हड़ताल समाप्त होने का एलान कर दिया है।

बता दें कि 14 सूत्री मांगों को लेकर यूपीसीएल, यूजेवीएनएल, पिटकुल के 10 संगठनों के करीब 3500 बिजली कर्मचारी सोमवार मध्यरात्रि से हड़ताल पर चले गए थे। जिसके चलते मनेरी भाली और पछवादून की पांच जल विद्युत परियोजनाओं में उत्पादन ठप हो गया। इसके साथ ही कई जगहों पर बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई। इसके बाद सर्वे चौक के निकट स्थित कौशल विकास भवन में ऊर्जा मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत और कर्मचारी नेताओं की वार्ता चली। वार्ता में ऊर्जा निगम के एमडी दीपक रावत भी मौजूद रहे।

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हालाँकि इस बीच सोमवार और मंगलवार को वार्ता के बाद भी जब कर्मचारी नहीं माने तो सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया है। अपर सचिव भूपेश चंद्र तिवारी ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं, इसके बाद ऊर्जा मंत्री के आश्वासन पर माने कर्मचारियों ने हड़ताल स्थगित करने का ऐलान किया है। बता दें कि सरकार ने सोमवार को ही कहा था कि अगर वार्ता की तमाम कोशिशों के बावजूद बिजली कर्मचारी हड़ताल पर अड़े रहे तो उन पर आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) भी लागू किया जाएगा।

सरकार ने उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम, 1966 (उत्तराखण्ड राज्य में यथा प्रवृत्त) (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 30 सन् 1966) की धारा 3 की उपधारा (1) के अधीन शक्ति का प्रयोग कर अगले 6 माह के लिए हड़ताल को प्रतिबंधित कर दिया है।

सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार यूजेवीएन लिमिटेड, उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लिमिटेड और पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लिमिटेड में समस्त श्रेणी की सेवाओं में तत्कालिक प्रभाव से हडताल निषिद्ध कर दी है। अधिनियम की धारा-3 की उपधारा (2) के अधीन यह भी आदेश देते हैं कि यह आदेश गजट में प्रकाशित किया जायेगा।