यमुना एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन देने वाले किसानों के बकाया लगभग 650 करोड़ के भुगतान के लिए बुधवार से मथुरा के किसानों ने अखिल भारतीय  किसान सभा के तत्वावधान में ग्रेटर नोएडा स्थित यमुना एक्सप्रेस-वे विकास प्राधिकरण कार्यालय पर बुधवार से धरना आरम्भ कर दिया है। जोकि गुरुवार 17 मई 2018 को भी जारी रहा। धरने का नेतृत्व कर रहे किसान सभा मथुरा के जिलाध्यक्ष दिगंबर सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 29 अगस्त 2014 को शासनादेश के तहत यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण को  64.7 फ़ीसदी अतिरिक्त भुगतान करना है। प्राधिकरण ने इस राशि का भुक्तान अभी तक किसानों को नहीं किया गया है। मथुरा के अलावा आगरा, अलीगढ व हाथरस के किसानों का कुल मिलाकर लगभग 650 करोड़ रुपया बकाया है। गौतम बुद्ध नगर के किसानों का 570 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। इसके बारे में कई बार यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण को याद दिलाया जा चुका है, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद प्राधिकरण ने अभी तक भी कोई सुध नहीं ली गई है। जिलाध्यक्ष चौधरी दिगंबर सिंह ने बताया कि इस धरने के प्रारंभ होने के बाद ग्रेटर नोएडा स्थित यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के सहायक कार्यपालक और मुख्य कार्याधिकारी ने किसानों से वार्ता की। वार्ता के दौरान उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा। इसके लिए आर्बिट्रेटर की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। दिगंबर सिंह का कहना था कि बकाया राशि का भुगतान यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण करें या जेपी ग्रुप करें, यह निर्णय अधिकारियों को लेना है। जब तक ठोस आश्वासन नहीं मिल जाता यहां से किसान टस से मस नहीं होंगे। धरनारत किसानों को किसान सभा गौतमबुध्दनगर के प़वक्ता डा. रुपेश वर्मा, सी.आई.टी.यू. जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा, मथुरा के जिला कमेटी के वरिष्ठ किसान नेता वेदप्रकाश सिकरवार, आंगई के मानसिंह, जिला मंत्री सुरेश सिह, मंत्री सुनील जरेलिया, धर्मवीर प्रधान, रामगोपाल, गुड्डू, रमन,  पूरन सिंह, कल्याण सिंह, लक्ष्मण सिंह, संजय शर्मा आदि ने सम्बोधित किया। धरने मे सैकड़ों किसानो ने हिस्सा लिया। बुधवार 16 मई 2018 से
अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसानों के बीच गुरुवार 17 मई 2018 को यमुना एक्सप्रेस-वे कार्यालय के अधिकारियों ने पहुंच कर वार्ता की, औऱ जल्द से जल्द समस्याओं के समाधान किए जाने का आश्वासन दिये जाने के बाद धरना स्थगित किया गया।