आवंटन के पांच साल बाद भी भूखंडों का ना हुआ सीमांकन और और ना ही मिला कब्जा
नोएडा : भूखंड आवंटन के पांच साल बाद भी कब्जा न मिलने से सेक्टर-145 के आवंटियों में नोएडा प्राधिकरण के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है। कार्यशैली का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी तक भूखंडों का सीमांकन तक नहीं हुआ है। इसके खिलाफ रविवार को लोग कोविड -19 नियमों का पालन करते हुए धरना प्रदर्शन करेंगे। इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है।
आवंटियों का कहना है कि वे आवासीय भूखंडों के सीमांकन और भूखंडों को सौंपने के लिए प्राधिकरण से एक निश्चित समय सीमा चाहते हैं। उनका कहना है कि ऐसी सूरत में भूखंडों पर मकानों के निर्माण में देरी के लिए प्राधिकरण समय विस्तार शुल्क आवंटियों से नहीं ले सकता। आवंटियों का कहना है कि भूखंड पर बिना सीमांकन के घर कैसे बनाया जा सकता है। आवंटी डॉ. अतुल चौधरी का कहना है कि इस क्षेत्र के विकास के लिए सार्वजनिक रूप से घोषित समय सीमा नहीं है। धरना प्रदर्शन कर यह भी मांग की जाएगी कि कचरा डंपिंग साइट को सेक्टर- 145 से पास के सेक्टर में चिन्हित स्थायी लैंडफिल क्षेत्र में स्थानांतरित करने की योजना में तेजी लाई जाए। प्रदर्शनकारी कई अन्य समस्याओं को उठाएंगे।
इस क्षेत्र में आवासीय भूखंड जो 5% आवासीय भूखंडों की श्रेणी में आते हैं, जो कि नोएडा में किसानों को उनकी अधिग्रहित कृषि भूमि के खिलाफ दिए गए हैं। 2016 के वर्ष में आवंटन के बाद, अधिकांश किसानों ने इन भूखंडों को आम आदमी को बेच दिया, जिससे नोएडा हस्तांतरण शुल्क, पट्टा किराया, अन्य शुल्क और स्टांप शुल्क के रूप में भारी राजस्व कमा रहा है। आवंटन के कई वर्षो बाद भी नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र को विकसित करने में विफल रहा हैं।
आवंटी डॉ. अतुल चौधरी का कहना है कि अधिकांश आवंटी विभिन्न बैंकों को प्लॉट का क़र्ज़ चुकाने के लिए मासिक किश्त दे रहे है और अपना घर का किराया भी दे रहे है।