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नई दिल्ली: कई जनआंदोलनों और बलिदानों के फलस्वरूप 9 नवम्बर 2000 को देश के 27वें राज्य के रूप पृथक उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ। उत्तराखंड को अलग प्रदेश बनाने के लिए अनेकों आंदोलनकारियों ने अपनी नौकरी तक छोड़ पूरा जीवन अलग प्रदेश की मांग के लिए आंदोलन में खपा दिया। किन्तु उत्तराखंड राज्य बन जाने के बाद कई वास्तविक आंदोलनकारियों को किनारे कर दिया गया इस वजह से इन लोगों को जीवन यापन के लिए संघर्ष करना पड़ा। उन्हीं उत्तराखंड आंदोलनकारियों में से एक थे देव सिंह नेगी।
देव सिंह नेगी ने राज्य निर्माण आंदोलन में कई धरने प्रदर्शनों के दौरान पुलिस प्रताड़ना के बावजूद पूरे मनोयोग से इस पूरे संघर्ष को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाई थी। यही नहीं उन दिनों रेल रोको आंदोलन में उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई जिसके लिए उन्हें गिरफ्तारी के वारंट भी जारी किए गए। लेकिन वे भूमिगत रहते हुए भी आंदोलन की लड़ाई को जारी रखे रहे। राज्य बन जाने के बाद वे राज्य की वास्तविक राजधानी गैरसैण बनाए जाने के लिए संघर्ष करते रहे. और फरीदाबाद में रह कर अपने परिवार की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
6 मई 2018 को दिल्ली के जंतर मंतर में राजधानी गैरसैण बनाये जाने के समर्थन में आयोजित रैली में भागीदारी निभाने के लिए अपने घर फरीदाबाद से दिल्ली के लिए बाइक से निकले थे लेकिन काल को कुछ और ही मंजूर था रास्ते में सड़क दुर्घटना में उनका देहांत हो गया. चूंकि घर में कमाने वाले केवल वही थे, और बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे हैं जिस कारण अब परिवार के पास आय का कोई साधन नहीं है। उनकी इस स्थिति को देखते हुए दिल्ली/एनसीआर में रह रही उत्तराखंड की सामाजिक संस्थाएं व समाजसेवी लोग स्व. देव सिंह नेगी के परिवार की साहत्यार्थ आगामी 4 अगस्त को उत्तराखंड यूथ एसोसिएशन के सौजन्य से दिल्ली के गढ़वाल भवन में एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने जा रहे हैं। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड की सुविख्यात गयिका आशा नेगी, राहुल सती, देव सौंटियाल के अलावा उत्तराखंड के कई उभरते हुए कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।

उत्तराखंड यूथ एसोसिएशन से नरेश देवरानी, दलबीर रावत, प्रेमा धोनी, जगमोहन जिज्ञासु, कैलाश पाण्डेय, शशि मोहन कोटनाला, उमेश रावत, उत्तराखंड एकता मंच से अनिल पंत के अलावा सभी कार्यकर्ता इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे है।

देवभूमि संवाद  के लिए द्वारिका चमोली