DCW notice chhawala gang rape case

नई दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने छावला सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्याकांड मामले में पीड़िता के परिवार की सुरक्षा को लेकर स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने दिल्ली पुलिस को जारी नोटिस कर पुलिस से मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है और पुलिस से पीड़िता के परिवार के सदस्यों को मुहैया कराई गई सुरक्षा की जानकारी देने को कहा है। दिल्ली पुलिस को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए अन्य कदमों के बारे में 48 घंटों में आयोग को सूचित करने के लिए भी कहा गया है।

लड़की छावला, दिल्ली की निवासी थी और उसका 2012 में कुतुब विहार से अपहरण कर लिया गया था। उसका मृत शरीर अपहरण के तीन दिन बाद हरियाणा में क्षत-विक्षत अवस्था में पाया गया था। बेरहमी से हत्या करने से पहले लड़की के साथ अत्यंत क्रूरता की गयी थी।

दिल्ली महिला आयोग ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए बताया है कि लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया, उसकी आंखों में तेजाब डाला गया, उसके गुप्तांगों में कांच की बोतल डाली गई, उसे सिगरेट और लोहे की रॉड से जलाया गया और अंत में उसकी हत्या कर दी गई। 2014 में निचली अदालत ने आरोपी व्यक्तियों को दोषी ठहराया और उन्हें मौत की सजा दी। माननीय उच्च न्यायालय दिल्ली ने भी इस मामले को दरुभतम मामला मानते हुए फैसले को बरकरार रखा।

माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की जांच और परीक्षण पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है और कुछ अन्य चूकों के साथ अपर्याप्त सबूत और अनुचित जांच का हवाला देते हुए सभी तीन अभियुक्तों को बरी कर दिया है। दिल्ली पुलिस को जारी नोटिस में आयोग ने कहा है कि मामला बेहद संवेदनशील है और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अपराधी खुले घूम रहे हैं, मृतक लड़की के परिवार के सदस्यों को तुरंत उच्च स्तरीय सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।DCW notice chhawala gang rape case

आयोग ने पुलिस से मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है और पुलिस से पीड़िता के परिवार के सदस्यों को मुहैया कराई गई सुरक्षा की जानकारी देने को कहा है। दिल्ली पुलिस को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए अन्य कदमों के बारे में 48 घंटों में आयोग को सूचित करने के लिए भी कहा गया है।

स्वाति मालीवाल ने कहा कि मैं उस जघन्य अपराध और मामले की प्रगति से बहुत दुखी हूं, जिसके कारण अंतत: मृतका और उसके परिवार को न्याय से वंचित होना पड़ा। यह कई स्तरों पर गहराई से परेशान करने वाला है और हमारे सिस्टम पर कई सवाल उठाता है। आयोग मामले में कानूनी राय ले रहा है। हालांकि, इस बीच परिवार की सुरक्षा चिंता का विषय है और इसलिए हमने इसे सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।