Delhi Unlock 2.0 : देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार यानी 07 जून से अनलॉक-2 की प्रक्रिया होने जा रही है। 42 दिनों के बाद 31 मई को दिल्ली में अनलॉक-1 की प्रक्रिया शुरू हुई थी। जिसके बाद आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में दूसरे चरण के अनलॉक के बारे में घोषणा की। उन्होंने बताया कि दिल्ली में सीमित तौर पर लॉकडाउन जरूर जारी रहेगा लेकिन 7 जून से अनलॉक-2 के तहत काफी रियायतें दी जा रही हैं। इसमें मेट्रो संचालन से लेकर बाजार का खुलना भी शामिल है। दिल्ली में पिछले 24 घंटे में करीब 400 के करीब केस आए हैं।
क्या कहा सीएम केजरीवाल ने : अनलॉक-2 में क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद
- दिल्ली में कोरोना संक्रमण के रोजाना के केस अब 500 से भी कम होने के चलते रियायतें दी जा रही हैं, अगर केस बढ़े तो सख्ती भी बढ़ सकती है।
- दिल्ली के सोमवार 7 जून से सभी बाजार और मॉल ऑड-ईवन के आधार पर सुबह 10.00 बजे से लेकर रात 8.00 बजे तक खुलेंगे। आधी दुकानें एक दिन खुलेंगी और आधी दूसरे दिन दुकानों के नंबर के आधार पर ऑड-ईवन का फैसला होगा।
- साप्ताहित बाजार (वीकली मार्केट) फिलहाल बंद रहेंगी।
- दिल्ली में सोमवार से मेट्रो चलाने का फैसला लिया गया है। दिल्ली मेट्रो 50% क्षमता के साथ शुरू की जा रही है।
- सरकारी दफ्तरों में ग्रुप ए वाले अफसर 100 क्षमता के साथ काम करेंगे लेकिन उनके नीचे वाले 50 प्रतिशत कर्मचारी ही काम करेंगे। इसेंशियल सर्विस से जुड़े विभागों में 100 प्रतिशत कर्मचारी काम करेंगे, लेकिन कौन सा विभाग जरूरी सेवा में आता है वह उसके एचओडी फैसला लेंगे।
- सभी निजी दफ्तर 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करेंगे। कोशिश करेंगे कि ज्यादा से ज्यादा लोग वर्क फ्रॉम होम करेंगे। समय का भी ध्यान उन्हें रखना होगा ताकि एक समय पर ज्यादा भीड़ सड़कों पर न हो।
- स्टैंड अलोन शॉप और जरूरी सेवाओं से जुड़ी दुकानें रोज खुलेंगी।
- ई-कॉमर्स की व्यवस्था जारी रहेगी।
- इसके बाद आने वाले हफ्ते में देखेंगे कि कोरोना की कैसी स्थिति है उसके हिसाब से रियायत देंगे
- हमें अब एक्सपर्ट की राय के अनुसार 37000 की पीक के लिए तैयारी करनी है। ऐसा नहीं है कि अब पीक नहीं आएगी लेकिन अगर हम इस बेस के साथ तैयार हो गए तो मामले बढ़ने पर हम और तैयारी कर सकेंगे।
- दिल्ली में एक पीडिएट्रिक टास्क फोर्स अलग से बनाई गई है जो तय करेगी कि कितने आईसीयू बेड होने चाहिए, उसमें से कितने बच्चों के होने चाहिए और बच्चों के लिए भी किस तरह के बेड होने चाहिए। इसके साथ ही उनके लिए सबकुछ अलग होगा।
- स्कूलों को खोलने का कोई फैसला नहीं लिया गया है। एक्सपर्ट्स ने पहले से ही बताया है कि कोरोना की तीसरी लहर का बच्चों पर सबसे ज्यादा असर पड़ सकता है। सरकार एक्सपर्ट्स की बात को ध्यान में रखते हुए कोई भी जोखिम उठाना नहीं चाहती। इस वजह से फिलहाल स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है।