Devotees gathered in Delhi during the grand Doli Yatra of ma Dhari Devi

Dhari Devi Doli Yatra : उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल स्थित सुप्रसिद्ध सिद्धपीठ मां कालिंका धारी देवी की डोली यात्रा विभिन्न पड़ावों से होते हुए शनिवार 11 जून शाम को उत्तराखंड के वाद्य यंत्रों ढोल-दमाऊ, डौंर, थाली तथा पारंपरिक जागरों, भजनों एवं मां के जयकारों के साथ दिल्ली पहुंची। जहाँ गढ़वाल हितैषिणी सभा दिल्ली की अगुवाई में दिल्ली/एनसीआर के सैकड़ों प्रवासी उत्तराखंडियों ने  मां धारी देवी व नागराजा की डोली का बिरला मंदिर, मंदिर मार्ग के प्रांगण में भव्य स्वागत किया गया।

डोली यात्रा में पारंपरिक बाध्य यंत्रों ढोल, दमों व मसकबाजे के साथ भक्तों ने पुष्प वर्षा करते हुए प्रवासी उत्तराखंडियों ने मां धारी के गीत एवं जयकारे करते हुए बिरला मंदिर से गढ़वाल भवन पंचकुइया रोड तक पूरे क्षेत्र के वातावरण को भक्तिमय बना दिया। उसके बाद गढ़वाल भवन में भक्तों द्वारा रात 9 बजे माँ का भव्य मंडाण लगाया गया। उसके बाद अगले दिन यानी रविवार (12 जून) सुबह पूजा यज्ञ के बाद माँ धारी देवी का विशाल भंडारा आयोजित किया गया। अंत में शाम 4 बजे माता की डोली यात्रा को अगले पड़ाव (गुरूग्राम) के लिए भावपूर्ण विदाई दी गई।Devotees gathered in Delhi during the grand Doli Yatra of ma Dhari Devi

गढ़वाल हितैषिणी सभा के अध्यक्ष अजय बिष्ट ने बताया कि हमने सभा के शताब्दी समारोह के क्रम में निर्जला एकादशी के शुभ अवसर पर जगतजननी मां धारी देवी एवं नागराजा की दिव्य डोली दर्शन का दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया। इस समारोह में दिल्ली एवं सीमावर्ती राज्यों से श्रद्धालुओं के अपार समूह ने प्रतिभाग किया। श्रद्धा व  उत्साह से अभिभूत श्रद्धालुओं ने गढ़वाल की समृद्ध संस्कृति एवं धार्मिक मान्यताओं में सरावोर होकर मां भगवती के मंडाण का जी भर कर आनंद लिया। इस अवसर पर सभा के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों के द्वारा बीर चंद्र सिंह गढ़वाली चौक पंचकुइया रोड नई दिल्ली पर शनिवार 11 जून को छबील लगाकर उत्तराखंड का सुप्रसिद्ध पेय बुरांस के फूलों का रस हज़ारों भक्तों व आमजन को पिलाया गया।

सभा के महासचिव द्वारिका भट्ट ने बताया कि रविवार 12 जून को उत्तराखंड समाज के सैकड़ों भक्तों और श्रद्धालुओं के द्वारा  विश्व कल्याण और समाज की सुख, समृद्धि व शांति के लिए विद्वान आचार्यों के सानिध्य में यज्ञ किया गया। इस सुअवसर पर स्वामीनारायण मंदिर (अक्षरधाम) दिल्ली के संतों ने भी मां धारी देवी की पूजा अर्चना कर सम्पूर्ण मानव की सुख शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।

सभी श्रद्धालुओं को मातारानी के यज्ञोपरान्त विशाल भंडारे का आयोजन कर प्रसाद वितरण किया गया और संध्याकाल में मां धारी देवी एवं नागराजा की डोली को भावपूर्ण विदाई दी गई।

8 जून प्रातः 8 बजे से शुरू हुयी मां धारी देवी डोली यात्रा देहरादून, मेरठ, दिल्ली, गुरूग्राम होते हुए 14 जून को वापस अपने धाम पहुंचेगी।