नोएडा : जिला अधिकारी सुहास एल.वाई ने बुधवार को जिला संयुक्त चिकित्सालय में आयोजित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां मौजूद महिलाओं से उनकी परेशानियों को जाना और उन्हें अधिक स्वास्थ्य सुविधाएँ देने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने कहा कि मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इसकी सार्थकता बनाए रखना जरूरी है। जिलाधिकारी ने पीएमएसएमए दिवस पर सहयोग देने वाले चिकित्सकों और कर्मचारियों के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) के बारे में भी चिकित्सकों से जानकारी ली और ऐसी गर्भवती का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक ओहरी ने बताया कि पूरे जनपद में 23 सरकारी अस्पतालों में हर माह की नौ तारीख को प्रधानमत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया जाता है। इस दिवस पर उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं को चार दिन पहले ही पर्ची देकर इस दिन के लिए बुलाया जाता है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ रेनू अग्रवाल ने बताया कि प्रत्येक गर्भवती की पांच निशुल्क जांच (ब्लड टेस्ट, ब्लड प्रेशर, यूरिन टेस्ट, हीमोग्लोबिन, अल्ट्रासाउंड) की जाती हैं। यह सुविधा ज़िले की हर फैसिलिटी पर उपलब्ध है।
पीएमएसएमए के नोडल अधिकारी डॉ नेपाल सिंह बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर उच्च जोखिम वाली गर्भवती की पहचान कर उनकी देखभाल की व्यवस्था की जाती है। जरूरत पड़ने पर इलाज किया जाता है। डॉ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान भारत सरकार की एक नई पहल है, जिसके तहत प्रत्येक माह की नौ तारीख को सभी गर्भवती को व्यापक और गुणवत्तायुक्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान करना सुनिश्चित किया गया है। इस अभियान के तहत सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही की अवधि (गर्भावस्था के 4 महीने के बाद) के दौरान प्रसव पूर्व देखभाल की व्यवस्था है। इस कार्यक्रम की प्रमुख विशेषता यह है कि प्रसव पूर्व जांच सेवाएं विशेषज्ञों/चिकित्सा अधिकारियों द्वारा उपलब्ध करायी जाती है ।
उप चिकित्सा अधिकारी डॉ अमित विक्रम ने बताया प्रधानमंत्री ने सभी चिकित्सकों से गर्भवती के लिए प्रतिवर्ष 12 दिन मुफ्त सेवाएं देने का आग्रह किया है। इस नेक काम के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने अपने सभी साथियों से हर महीने की नौ तारीख़ को सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं पर स्वैच्छिक सेवाएं प्रदान करने का आग्रह किया। चिकित्सा अधिकारी डॉ रमनदीप कौर ने बताया इस पहल में उच्च ज़ोखिम गर्भधारण का पता लगाने की क्षमता है तथा इसके फलस्वरूप यह मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में सहायता करेगा। इसके लिए हर चिकित्सक का सहयोग आवश्यक है।