नोएडा : वरिष्ठ पत्रकार और उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी पुरुषोत्तम असनोडा के आकस्मिक निधन पर दिल्ली-एनसीआर के पत्रकारों, समाजसेवियों और राज्य आंदोलनकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दिवंगत पत्रकार पुरुषोत्तम असनोडा को भावपूर्ण श्रृद्धांजलि दी। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पूर्व राज्यमंत्री धीरेंद्र प्रताप ने पत्रकार असनोडा के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि पत्रकार असनोडा का असमय चले जाना पहाड़ के आंदोलनों के एक कर्मठ योद्धा का चला जाना है।
वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार प्रदीप वेदवाल ने वरिष्ठ पत्रकार पुरुषोत्तम असनोडा के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सरल और सौम्य स्वभाव के असनोडा जी एक सजग और निष्पक्ष पत्रकार थे। पहाड़ के जन आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले पुरुषोत्तम असनोडा वन आंदोलन, नशा नहीं रोजगार दो, उत्तराखंड राज्य आंदोलन और गैरसैंण राजधानी आंदोलन के कर्मठ आंदोलनकारियों में से थे। वेदवाल ने कहा कि पुरुषोत्तम असनोडा और असनोडा न्यूज़ एजेंसी ने गैरसैंण में कई पत्र-पत्रिकाओं को स्थापित करने में अहम भूमिका का निभाई। दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और समाजसेवी संजय शर्मा दरमोड़ा ने पत्रकार पुरुषोत्तम असनोडा को गैरसैंण का पर्यायवाची बताते हुए कहा कि पत्रकार पुरुषोत्तम असनोडा के निधन से उत्तराखंड की पत्रकारिता का एक अहम स्तंभ ढह गया है। दिवंगत पुरुषोत्तम असनोडा के अंतिम संस्कार में शामिल हुए श्रीकृष्ण भट्ट भी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कर्णप्रयाग से इस शोकसभा में शिरकत की। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए श्रृद्धांजलि सभा के आयोजन की पहल युवा समाजसेवी और उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी दिगमोहन नेगी ने की। दिगमोहन नेगी ने गैरसैंण राजधानी बनाओ यात्रा 2016 के संस्मरण साझा करते हुए कहा कि पत्रकार असनोडा बेहद विनम्र और विद्वान व्यक्ति थे। जनसरोकारों के प्रति समर्पित पत्रकार थे और उनकी ये जनपक्षीय पत्रकारिता जीवन पर्यन्त बनी रही।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वरिष्ठ पत्रकार और आंदोलनकारी पुरुषोत्तम असनोडा को उत्तराखंड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देव सिंह रावत, पत्रकार मनोज इस्टवाल, उत्तराखंड महासभा के अनिल पंत, रंगकर्मी खुशहाल बिष्ट ने भी श्रृद्धांजलि अर्पित की।