उत्तराखंड के लोक पर्व हरेला के शुभ अवसर पर दिल्ली एनसीआर में उत्तराखंड की सामाजिक संस्था गढ़वाल हितैषिणी सभा (रजि.) ने आज गढवाल भवन, पंचकुईया रोड़, नई दिल्ली के साथ वाले भूलि-भटियारी पार्क में सभा अध्यक्ष सूरत सिंह रावत के नेतृत्व में वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मीडिया सलाहकार मदमोहन सती मुख्य अतिथि थे।

मदनमोहन सती ने वृक्षारोपण कर गढ़वाल हितैषिणी सभा की प्रकृति संरक्षण की मुहिम की शुरूवात की। इस अवसर पर गत 15 वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के लिए अभियान चलाये हुए धाद संस्था देहरादून से आये  दयासागर धस्माना विशेष रूप से उपस्थित रहे।

सभा के महासचिव पवन कुमार मैठाणी ने बताया कि गढ़वाल हितैषिणी सभा का मुख्य उद्देश्य प्रकृति एवम पर्यावरण संरक्षण से आम आदमी को जोड़ना है। आज गढ़वाल हितैषिणी सभा ने 51 पेड़ लगाकर प्रकृति को हरा-भरा रखने के अपने दायित्व को आगे बढ़ा रही है।

सभा के अध्यक्ष सूरत सिंह रावत ने कहा कि सभा पर्यावरण संरक्षण के के लिए भी कार्य कर रही है। हरेला पर्व के मुख्य अतिथि मदनमोहन सती ने कहा कि आज उत्तराखंड ही नही पूरा देश हरेला पर्व के महत्व को समझते हुए इसे मना रहा है। पृथ्वी को हरा भरा करने के  लिए हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे। चिपको जननी वृक्ष मित्र गौरा देवी, पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा, चंडी प्रसाद भट्ट का भी तो यह संदेश था।

धाद संस्था देहरादून से आये दयासागर धस्माना ने हरेला पर्व को लेकर धाद संस्था की मुहिम को बताते हुए गढवाल हितैषिणी सभा की आज की पहल की सराहना की।

इस अवसर पर गढ़वाल हितैषिणी सभा के अध्यक्ष सूरत सिंह रावत, महासचिव पवन कुमार मैठानी, कोषाध्यक्ष धीरेन्द्र सिंह रावत, सांस्कृतिक सचिव एडवोकेट वीरेन्द्र सिंह नेगी, उप-कोषाध्यक्ष आर.पी. चमोली, संगठन सचिव नागेन्द्र प्रसाद कंसवाल, कार्यकारिणी सदस्य  सीमा गुसांई, रेनू उनियाल, आनंद सिंह रावत, विनोद नौटियाल, गोविंदराम भट्ट, बालम सिंह बिष्ट, गढवाल हितैषिणी सभा के सदस्य प्रीतम सिंह गुसांई, हुक्म सिंह कंडारी, दिनेश पोखरियाल, गिरीश चंद्र भद्री, हुक्म सिंह कंडारी, राकेश कुमार भट्ट, मुकेश रावत, राज्य सभा निदेशक मीना कंडवाल, टिहरी उत्तरकाशी जन विकास परिषद के महासचिव निर्मल सिंह धनोला, सभा की पूर्व सांस्कृतिक सचिव मनोरमा तिवारी भट्ट, संतीषी बडोनी, धीरेन्द्र गुसांई, कन्हैयालाल द्विवेदी, कुलदीप कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे।