इंदिरापुरम: उत्तराखंड लोक-भाषा साहित्य मंच और डीपीएमआई के तत्वाधान उत्तराखंड की भाषाओँ (गढ़वाली एवं कुमाउनी) की ग्रीष्मकालीन कक्षाओं का संचालन आज यानी रविवार, 26 मई से इंदिरापुरम के न्याय खण्ड-1 स्थित ‘वेदांतम ग्लोबल स्कूल’ में शुरू गया है।
इसमें बच्चों एवं युवाओं को उनकी उत्तराखंड पहचान से जोड़ा जाएगा, उन्हें उनकी बोली एवं सांस्कृतिक विरासत से भी जोड़ा जाएगा, साथ ही उत्तराखंड के इतिहास, उनके ऐतिहासिक महापुरुषों से भी परिचित किया जाएगा, उत्तराखंड के तीज त्यौहार, धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अनुष्ठानों से भी रूबरू कराया जायेगा। इसके साथ ही बच्चों को नाट्य विधा में भी रुचि अनुसार शामिल किया जाएगा। इसके अलावा महिलाओं के लिये एक दिवसीय रामलीला आयोजित करने का भी विचार है, जिसमे सभी पात्र सिर्फ़ महिलाओं द्वारा ही अभिनीत किये जायेंगे। यह आयोजन सिर्फ़ ग्रीष्मावकाश तक ही नही अपितु पूरे वर्ष भर चलते रहेंगे।
आज से वेदांतम ग्लोबल स्कूल में स्कूल के निदेशक ललित त्यागी द्वारा रिबन काटकर एवं आचार्य नरेंद्र जदली द्वारा मंत्रोच्चार के साथ कक्षाओं के संचालन का शुभारम्भ किया गया। इस दौरान बच्चों को खेल-खेल और मनोरंजन के माध्यम से अपनी दुधबोली भाषा और संस्कृति से जोड़ा जाएगा। समय-समय पर अपने-अपने क्षेत्र के विद्वान, साहित्यकार, कलाकार आदि आकर बच्चों को अपनी रीति रिवाजों – तीज त्यौहारों एवं अपने महापुरुषों से परिचित कराते रहेंगे।
आज उमेश बंदुणी, वीरेंद्र जुयाल ‘ऊपरी’ एवं आचार्य नरेंद्र जदली द्वारा गढ़वाली कुमाउनी भाषायें पढाई गयी। बच्चों ने भी आज पहली बार इस तरह की कक्षाओं में शिरकत की, और वे बहुत आनंदित एवं खुश हुए।।उन्होंने खेल खेल में मनोरंजन तरीके से अपनी बोली भाषा और संस्कृति का ज्ञान प्राप्त किया।
आज के इस आयोजन में जगमोहन रावत, धीरेंद्र ढौंडियाल, संजय चौहान, सुदेश नेथानी, दिलवर बिष्ट, दिलावर पायल, सविता पंत,आचार्य नरेंद्र जदली, उमेश बंदुणी, वीरेंद्र जुयाल, अनिल रतूड़ी, संजय उनियाल, रेणु उनियाल, बिमला रावत, लक्ष्मी रावत आदि के साथ बच्चों के अभिभावकउपस्थित रहे।