नई दिल्ली: उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य से जुड़ा पारंपरिक लोक पर्व फूलदेई इस बार आगामी 15 मार्च से शुरू हो रहा है। बसंत ऋतु के स्वागत का प्रतीक फूलदेई त्यौहार उत्तराखंड में कुमाऊ से लेकर गढ़वाल तक अलग-अलग रूप में मनाया जाता है।

पहाड़ के लोकप्रिय पर्व ‘फूलदेई’ के शुभ आगमन पर रविवार 12 मार्च को उत्तराखंड के डोटल गांव की सामाजिक संस्था “डोटलगांव सेवा समिति”, दिल्ली (पंजीकृत) द्वारा दिल्ली के राष्ट्रीय बाल भवन में सांस्कृतिक एवं जन मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया। दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ कार्यक्रम देर शाम 6 बजे तक चला। संस्था के संस्थापक लक्ष्मण शाही ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दिल्ली/एनसीआर में रह रहे अपने गाँव एवं आसपास के गांवों के प्रवासियों को एक साथ जोड़ना है। संस्था का यह प्रयास विगत कुछ वर्षों से जारी है।

लोकपर्व फूलदेई की थीम पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ गांव के वरिष्ठों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस दौरान होनहार युवा नीरज शाही द्वारा सरस्वती वंदना व अन्य बच्चों द्वारा प्रस्तुत किये गये सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी दर्शकों का मन मोह लिया।

इसके बाद उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोक गायक गोपाल मठपाल के निर्देशन में एवं भगवत मनराल के नृत्य निर्देशन में रामगंगा सांस्कृतिक कला केंद्र दिल्ली के कलाकारों ने पहाड़ी लोकगीतों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां पेश कर कार्यक्रम को यादगार बना दिया। खासकर “हम उत्तराखंडी छौ” की खुबसूरत प्रस्तुति ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। इसके अलावा गांव से आये मेहमान लोक गायक विनोद आर्या व सुरूचि आर्या ने भी दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस मौके पर सभी प्रतिभावन होनहार बच्चों को संस्था द्वारा अंगवस्त्र, फूलमाला व सार्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया।

इस मौके पर कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ जनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, लेखक व पत्रकारों को भी समिति द्वारा अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। लेखक व पत्रकार चारू तिवारी जी ने अपने संबोधन में डोटलगांव सेवा समिति के कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने डोटलगांव के साथियों के साथ अपने स्कूल के दिनों की यादों को ताजा करते हुए कई किस्से सुनाये।

वहीँ संस्था के संस्थापक लक्ष्मण शाही ने संस्था को इस मुकाम पर पहुंचाने के लिए सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं दी। इसके अलावा संस्था के संरक्षक सामाजिक कार्यकर्ता प्रताप शाही ने भी अपने शुरुआती संघर्ष को जन मानस के सामने प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में डोटलगांव एवं आसपास के करीब 500 से ज्यादा प्रवासी ग्रामवासियों ने प्रतिभाग किया। जिनके खान-पान की व्यवस्था भी संस्था ने कार्यक्रम में ही की थी।

संस्था के महासचिव प्रभाकर शाही ने अपने उद्घोषण में कहा कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य अपनी सदियों पुरानी महान व ऐतिहासिक उत्तराखंडी संस्कृति का उत्तरोत्तर संवर्द्धन करने एवं विरासत को आने वाली पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए किया गया है, ताकि वे भी इस विरासत को संजोये रखे और निरंतर एक दूसरे को जोड़ने का प्रयास करें।

 डोटलगांव सेवा समिति- एक नजर  

डोटलगांव सेवा समिति दिल्ली में रहते हुए अपने गांव व आसपास के विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहती है। समय समय पर जन जागरूक अभियान चलाना, कमजोर लोगों की सहायता, गरीब बच्चों की पढ़ाई व गांव के युवाओं व बच्चों को खेलों के प्रति प्रोत्साहन करने तथा खेल सामग्रियों के वितरण का कार्य भी समिति द्वारा किया जाता रहता है। समिति का प्रयास अपने सांस्कृतिक विरासत, अपने तीज त्योहारों को संजोये रखने के लिए हमेशा प्रयासरत रहता है।

‌कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए समिति के कई कार्यकर्ताओं की दिन रात की मेहनत लगी हुई थी। समिति प्रवक्ता मोहन सिंह शाही, अध्यक्ष राजबीर बिष्ट, उपाध्यक्ष गोपाल शाही, महासचिव प्रभाकर शाही, सचिव गोविन्द कुमैया, सांस्कृतिक सचिव हरीश कुवार्बी, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण शाही, प्रचार सचिव भुवन शाही तथा  वरिष्ठ सलाहकार धनसिंह शाही, भुपेंद्र शाही, रामसिंह शाही, हीरा सिंह शाही आदि सभी संस्था के सभी कार्यकर्ता कार्यक्रम के दौरान कलाकारों का हौसला अफजाई के लिए उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन मोहन सिंह शाही द्वारा किया गया। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण होनहार यूट्यूब ब्लॉगर सीए मनोज शाही ने अपने यूट्यूब चैनल यूके पहाड़ी कल्चर के माध्यम किया।