Heavy Rain fall in Delhi-NCR: पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक देश के ज्यादातर हिस्सों में इस समय मानसून की बारिश अपने पूरे शबाब पर है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन 22 से ज्यादा राज्यों में भारी बारिश की संभावना जताई है। इनमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड समेत पूरे उत्तर पश्चिम भारत से लेकर पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत के राज्य शामिल हैं। मौसम विभाग ने बुधवार को मध्य महाराष्ट्र, पूर्वी गुजरात, कोंकण, गोवा, तेलंगाना, रॉयलसीमा और आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाकों में भारी बारिश और आंधी-तूफान को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। गंगा, यमुना, घग्गर, हिंडन समेत सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं और कई इलाके बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
दिल्ली-एनसीआर में झमाझम बारिश
राजधानी दिल्ली सहित पूरे एनसीआर में आज सुबह से ही मूसलाधार बारिश हो रही है। जिसके चलते पिछले कुछ दिनों से गर्मी और उमस से जूझ रहे लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विभाग के मुताबिक राजधानी में अगले पांच दिनों तक बारिश होने के आसार हैं। भारी बारिश के चलते नोएडा की ज्यादातर सड़के पानी से लबालब हो रखी हैं।
नोएडा में हिंडन नदी का पानी उफान पर
गंगा और यमुना नदी के बाद अब हिंडन नदी का पानी उफान पर है। यमुना और हिंडन नदी में जलस्तर बढ़ने से नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के दर्जनों गांव डूब गए हैं और लोग बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। मंगलवार को ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लगभग एक घंटे तक जोरदार बारिश हुई। जिससे सुपरटेक ईकोटेक वन सोसायटी में जलभराव हो गया। नोएडा की सड़कों पर भी हिंडन नदी का पानी तबाही मचाने का काम कर रहा है। सोशल मीडिया पर नोएडा के इकोटेक क्षेत्र में गाड़ियों के डूबने के वीडियो वायरल हो रहा है। यहां करीब 500 गाड़ियां फंसी हुई दिखाई दे रही हैं।
हिमाचल के कुल्लू में बादल फटने से पांच घर ध्वस्त
हिमाचल के कुल्लू की गड़सा घाटी में मंगलवार तड़के चार बजे बादल फटने से पंचानाला और हुरला नाले में भयंकर बाढ़ आ गई। इसमें पांच मकान बह गए और 15 को नुकसान पहुंचा। छोटे-बड़े चार पुल भी बह गए और कुछ मवेशी लापता हैं। भुंतर-गड़सा मनियार रोड को नुकसान पहुंचा है। पार्वती घाटी के मणिकर्ण के ब्रह्मगंगा नाले में आई बाढ़ में एक कैंपिंग साइट को नुकसान हुआ है। मलाणा प्रोजेक्ट के बांध से ऊपर से पानी बहने का सिलसिला जारी है। पंडोह डैम से पानी छोड़े जाने से ब्यास का जलस्तर बढ़ गया है। 500 से अधिक सड़कें बंद हैं।