उत्तराखंड समाज, मोहन गार्डन में अध्यक्ष विनोद नेगी की अध्यक्षता में होली उत्सव का भव्य शुभारंभ किया गया। होली उत्सव मोहन गार्डन, उत्तम नगर, नई दिल्ली में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर उत्तराखंड समाज के हुल्यार पारंपरिक लोकगीतों के साथ विभिन्न घरों में जाते हैं और वहाँ के परिवारजनों को शुभ आशीर्वाद प्रदान करते हैं। होली उत्सव और गीतों में ब्रज, काशी, गढ़वाली और कुमाऊंनी संस्कृति की झलक देखने को मिली। कुछ मुख्य गीतों के मुखड़े इस प्रकार हैं- “शिव के मन माही बसे काशी”, “जोगी आयो शहर में ब्योपारी”, “मथुरा में खेल रहे होली”, “हम होली वाले देवे आशीष”।

उत्तराखंड की हुल्यार परंपरा हमारे सांस्कृतिक गौरव और पूर्वजों की अनमोल धरोहर है। हालांकि, आधुनिक समय में यह परंपरा धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही थी, लेकिन उत्तराखंड समाज के अध्यक्ष विनोद नेगी जी एवं अन्य भार्त गण  तथा मातृशक्ति के अथक प्रयासों से इसे मोहन गार्डन, उत्तम नगर, नई दिल्ली में पुनर्जीवित किया जा रहा है।

यह उत्सव केवल रंगों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका गहरा आध्यात्मिक महत्व भी है। जब होली के हुल्यार किसी घर में जाकर हरि की मथुरा की होली, काशी के शिव भजन और अन्य पारंपरिक गीतों का मधुर गायन करते हैं, तो इसका चमत्कारिक प्रभाव पड़ता है। नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसा माना जाता है कि हुल्यारों के शुभ आशीष से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।

उत्तराखंड समाज द्वारा आयोजित होली उत्सव इस वर्ष अत्यंत भव्य और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। विनोद नेगी जी की अध्यक्षता में होली महोत्सव के अंतर्गत होली तक शानदार कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान पारंपरिक रागों पर आधारित होली गीतों की प्रस्तुति विभिन्न घरों में दी गई, जिससे क्षेत्र में उल्लास और भक्ति की भावना जागृत हुई।

इस समय, होली महोत्सव की भव्यता ऐसी थी कि मोहन गार्डन, सिधात्री और अन्य आसपास के क्षेत्र इस रंग और उल्लास के सागर में पूरी तरह डूब चुके थे। होली के गीतों की स्वर-लहरियाँ गूंज रही थीं। यह होली महोत्सव केवल उत्तराखंड समाज के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लोगों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया। भक्ति, संगीत, नृत्य और रंगों के इस अद्भुत संगम ने सभी के हृदय में आनंद और उमंग भर दी।

सभी हुल्यार बंधु और मातृशक्ति की मेहनत तथा समाज की उत्साहपूर्ण सहभागिता ने इसे एक ऐतिहासिक आयोजन बना दिया। उत्तराखंड समाज और अध्यक्ष विनोद नेगी जी की इस पहल से उत्तराखंड का नाम दिल्ली जैसे शहरों में रोशन हो रहा है।