नोएडा : होम्योपैथी की दवाओं से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ायी जा सकती है। कोरोना काल में आयुष मंत्रालय ने आर्सेनिक एल्बम 30 के सेवन की संस्तुति की थी । कोरोना की पहली व दूसरी लहर में बड़े स्तर पर लोगों ने एलोपैथी के साथ होम्योपैथी से उपचार का लाभ लिया, जिसके अच्छे परिणाम भी सामने आए। इस बार भी बड़ी तादाद में लोगों ने होम्योपैथी पर भरोसा जताया है। होमआइसोलेशन व क्वारेन्टाइन हुए मरीजों ने इन दोनों पैथी का प्रयोग किया। एलोपैथी से जहां कोविड संक्रमण की तत्काल रोकथाम हुई वहीं होम्योपैथी से मध्यम लक्षण एवं पोस्ट कोविड लक्षणों व अन्य बीमारियों में फायदा हुआ ।
जिला होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी डा. सीमा यादव ने बताया – कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना जरूरी है। होम्योपैथी में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवाएं मौजूद हैं। आर्सेनिक एल्बम 30 की संस्तुति आयुष मंत्रालय पहले ही कर चुका है। जिला होम्योपैथी चिकित्सा विभाग की ओर से इस दवा का निशुल्क वितरण किया जा रहा है। सोमवार को सेक्टर 39 स्थित महिला थाने में कार्यरत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कोविड से बचाव के लिए होम्योपैथिक दवा की किट उपलब्ध करायी गयी। इससे पहले भी विभिन्न विभागों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को दवा की किट बांटी जा चुकी है। इसके सार्थक परिणाम भी सामने आये हैं।
उन्होंने बताया – होम्योपैथी चिकित्सा में लोगों की रुचि बढ़ी है। बड़ी संख्या में पोस्ट कोविड मरीजों ने भी उपचार लिया है। इन दिनों ओपीडी में आने वाले मरीजों में सांस फूलना, थकावट, कमजोरी, शरीर दर्द और सूखी खांसी जैसी शिकायत देखने को मिल रही है। लक्षण के आधार पर दिये गये होम्योपैथिक उपचार के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।
खुद से न करें उपचार
डा. सीमा ने कहा – लोग होम्योपैथी की दवा को बहुत हल्के में ले लेते हैं और स्वयं दवा खरीद कर अपने आप इलाज करने लग जाते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया इस पैथी में लक्षणों के आधार पर उनका संयोजन कर उपचार किया जाता है। इसलिए घर में एक मरीज को दी गयी दवा सभी लोगों को नहीं दी जा सकती। सभी व्यक्तियों के अलग-अलग शारीरिक लक्षण होते हैं, जिनकी दवा के चयन में अहम भूमिका होती है, जिसके आधार पर होम्योपैथिक चिकित्सक दवा सुनिश्चित करता है। इसलिए जरूरी है कि होम्योपैथी चिकित्सक से परामर्श के बाद ही दवा लें।