नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के जनपदा संपदा विभाग के सभागार में बीते बुधवार को उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत पुस्तक का विमोचन हरियाली तीज के अवसर पर बड़ी धूमधाम से किया गया।
यह ग्रंथ उत्तराखंड की प्रतिनिधि भाषा पर कार्यरत साहित्यकार डॉ बिहारीलाल जलन्धरी द्वारा लिखी तथा लक्ष्मी रावत द्वारा संपादित की गई है। इस ग्रंथ का आकार 7X9 इंच का है जिसके 486 पृष्ठ हैं तथा आईएसबीएन द्वारा तय मूल्य रु. 560.00 है। ग्रंथ का कवर पेज लक्ष्मी रावत की परिकल्पना ने बहुत ही आकर्षित बना दिया।
इस ग्रंथ के विमोचन कार्यक्रम में डॉ राम बहादुर राय अध्यक्ष एवं डॉ सचिदानंद जोशी सदस्य सचिव इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, विशिष्ट अतिथियों में इग्नू से प्रो. सुहास शेटगोवेकर, प्रो. रश्मि सिन्हा, शिक्षाविद मालविका जोशी, प्रो. शालिना मेहता और प्रो. अनिल कुमार विभागाध्यक्ष जनपदा संपदा उपस्थित रहे।
संस्कृति की विरासत संबंधित इस पुस्तक पर विद्वानों द्वारा चर्चा की। राम बहादुर राय ने कहा-संस्कृति की जितनी विधाएं उतराखंड में है इस पुस्तक में संभवतः उन सभी का उल्लेख है। यह ग्रंथ उतराखंड की संस्कृति की विरासत को दर्शाती है। जोशी ने कहा-यह पुस्तक लोक कला से संबंधित शोधार्थियों, विद्यार्थियों तथा लोक साहित्यकारों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। इस तरह के प्रयास लोक में व्याप्त संस्कारों एवं परंपराओं को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
कार्यक्रम में राजस्थानी और हरियाणा के कलाकारों ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए उपस्थित जनमानस का मनोरंजन किया। हरियाली तीज के अवसर पर विभाग द्वारा कई वस्तुओं की एक प्रदर्शनी लगाई थी जिनमें इस त्योहार से संबंधित वस्तुएं आमजन के लिए उपलब्ध थी।