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जब तक पूरे परिवार का उपचार एक साथ नहीं होगा, तब तक रोग से मुक्ति मिलना मुश्किल

मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले में आ रहे सबसे ज्यादा त्वचा रोगी

नोएडा: जनपद में आयोजित मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले में सबसे ज्यादा मरीज त्वचा संबंधी रोगों के उपचार के लिए आ रहे हैं, यही नहीं जिला अस्पताल में भी त्वचा रोगियों की तादाद बहुत ज्यादा है। यहां रोजाना करीब 250 मरीज आ रहे हैं। जिला अस्पताल के चिकित्सक त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. अभिषेक दुबे इसका कारण साफ-सफाई न होना, नमी वाली जगह पर रहना, घर हवादार न होना और कम जगह में ज्यादा लोगों का रहना यानि सघन बसावट बताते हैं। डा. दुबे का कहना है कि यह संक्रामक रोग है जबतक सही इलाज नहीं होगा और परिवार के सभी लोगों का एक साथ उपचार नहीं होगा तब तक इसे फैलने से रोक पाना मुश्किल है। गौरतलब है कि जनपद गौतमबुद्ध नगर में अन्य बीमारियों की अपेक्षा त्वचा रोग के मरीज बहुत ज्यादा हैं। हर रविवार को लगने वाले मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले में भी त्वचा के रोगी सबसे ज्यादा उपचार के लिए आते हैं। यही हाल जिला अस्पताल का भी है। यहां भी रोजाना 200 से 250 मरीज त्वचा संबंधी रोगों के आते हैं। इनमें बड़ी संख्या में वह रोगी भी होते हैं जिन्हें बीमारी बढ़ने के कारण मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले से जिला अस्पताल रैफर किया जाता है।

त्वाचा रोगों का कारण

डा. अभिषेक दुबे ने बताया त्वचा संबंधी रोग- खुजली, सफेददाग, एग्जिमा, फंगल इंफेक्शन, सोराइसिस सहित तमाम बीमारियों का कारण नमी वाली जगह पर रहना, घरों का हवादार न होना, सघनबस्ती यानि कम जगह में ज्यादा लोगों का रहना, साफ-सफाई का न होना है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह बीमारी मजदूर और गरीब वर्ग में ज्यादा होती है क्योंकि यह लोग सघन बस्ती में रहते हैं और साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं। परिवार के एक व्यक्ति को यह बीमारी होती है और संक्रमण से परिवार के दूसरे और फिर धीरे-धीरे मोहल्ले के लोगों को हो जाती है। इसके अलावा यह लोग उपचार को लेकर बड़े लापरवाह होते हैं। किसी भी नीम-हकीम से दवा ले लेते हैं या फिर स्टॉराइड वाली कोई क्रीम लगा लेते हैं।

क्या है उपचार

डा. दुबे बताते हैं कि संक्रमित रोग होने के कारण इसका इलाज सामूहिक रूप से होना जरूरी है यानि परिवार के सभी लोगों का एक साथ इलाज किया जाना चाहिये। अक्सर देखा गया है कि परिवार का एक व्यक्ति जिसको यह बीमारी ज्यादा परेशान करने लगती है तब वह इलाज के लिए आता है, लेकिन दवा से जब तक वह ठीक होता है, उसे परिवार के दूसरे सदस्य से बीमारी दोबारा हो जाती है, यही क्रम चलता रहता है इसलिए इस रोग से निजात नहीं मिल पा रही है। उन्होंने सलाह दी है कि ऐसी स्थिति में परिवार के सभी लोगों का एकसाथ इलाज किया चाहिए।

काउंसलिंग भी की जाती है

डा. दुबे ने बताया जिला अस्पताल में आने वाले रोगियों को दवा के साथ-साथ उनकी काउंसलिंग भी की जाती है। उन्हें बताया जाता है कि वह साफ-सफाई का ध्यान रखें, अपने कपड़ों को नियमित धूप में सुखाएं, एक दूसरे के कपड़े न पहनें, कोशिश करें हवादार घर में रहें वहां नमी न हो। इसके साथ ही जब एक मरीज आता है तो उसके पूरे परिवार को बुलाकर उनका भी उपचार करते हैं।

“मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले में मजदूर और गरीब वर्ग के लोग ज्यादा आते हैं और यह बीमारी विशेष रूप से इसी वर्ग में ज्यादा है इसका मुख्य कारण इन लोगों का रहन-सहन है। यह घनी बस्तियों में रहते हैं। साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देते हैं, एक दूसरे कपड़े पहन लेते है, जिस कारण एक दूसरे को यह बीमारी हो जाती है”

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. दीपक

 

ओहरी