liquar-sale--in-delhi-during lockdown
symbolic image

नई दिल्ली : कोरोना महामारी को रोकने के लिए बीते 22 मार्च से देशभर में किये गए लॉकडाउन के चलते राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश में शराब की दुकानों को भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। लॉकडाउन में करीब 40 दिनों तक शराब की बिक्री पर प्रतिबन्ध का असर शराब के शौकीनों के साथ-साथ ज्यादातर राज्यों के बजट पर भी पड़ने लगा। इसबीच विभिन्न राज्य सरकारों की मांग पर केंद्र ने लॉकडाउन 3.0 में 04 मई से कई गैर जरुरी वस्तुओं के साथ ही शराब की दुकानों को भी शर्तों के साथ खोलने की भी अनुमति दे दी थी। शराब के ठेके खुलने का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे शराब के शौकिनो ने इस खबर के आते ही लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए शराब के ठेकों के बाहर जमावड़ा लगा दिया। इसको देखते हुए कई जगह पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा तो कहीं ठेके ही बंद करवाने पड़े। ठेकों पर भीड़ को देखते हुए दिल्ली सरकार ने शराब की कीमतों में 70% तक बढ़ोतरी कर दी।

टाइम्स ऑफ इंडिया के ट्विटर हैंडल से प्राप्त जानकारी के मुताबिक राजधानी दिल्ली में 04 मई से 12 मई तक कुल 9 दिनों में ही दिल्लीवासियों ने 84 करोड़ रुपये की शराब पी डाली। हैरानी की यह है कि दिल्ली सरकार द्वारा शराब की कीमतों में 70% तक बढ़ोतरी के बाद भी शराब पीने वालों पर इसका ज्यादा असर देखने को नहीं मिला। राज्य के आबकारी विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में 4 मई से 12 मई के बीच लगभग 84 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री दर्ज की गई। शराब की बिक्री में भी लगभग 55 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ, जिसे “विशेष कोरोना शुल्क” के रूप में लगाया गया था।

दिल्ली में शराब की सबसे ज्यादा बिक्री 09 मई को हुई। उस दिन 18 करोड़ की सेल हुई। वहीं पहले दिन 04 मई को 5.2 करोड़ रुपये की सेल हुई थी। शराब पीने के शौक़ीन दिल्ली वाले ही नहीं बल्कि पूरे देश में हैं. कर्नाटक राज्य में ठेके खुलने के दिन (4 मई को) एक दिन में रिकॉर्ड 45 करोड़ रुपए की शराब की बिक्री हुई। कर्नाटक के अदुगोड़ी में एक व्यक्ति ने अकेले 52,841 रुपए की शराब खरीदी और उसका बिल सोशल मीडिया में शेयर कर दिया था। लॉकडाउन के बीच यह मामला सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था।