Myr-Pahar-Uttarakhand
  • कोरोनाकाल में सुनी असहाय और लाचार लोगों की पीड़ा, असहाय लोगों की मदद के लिए आगे आए समितियों के लोग
  • दिल्ली में 5 साल से काम कर रही है म्यर पहाड़ उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समिति

नई दिल्ली : म्यर पहाड़ उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समिति (पंजी.) की ओर से रविवार को कोरोना योद्धा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समिति की ओर से वेस्ट विनोद नगर के दुर्गा माता मंदिर में आयोजित इस समारोह में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र में कार्यरत ऐसी सामाजिक संस्थाओं/समितियों व विशिष्ट लोगों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बिना समाज के लिए काम किया। सम्मान स्वरूप इन समितियों और विशिष्ठजनों को ‘कोरोना योद्धा प्रशस्ति पत्र और पुष्प गुच्छ भेंट किया गया। सम्मान समारोह का संचालन हेम पंत ने किया।

इन संस्थाओं और कुछ प्रमुख लोगों ने कोरोनाकाल में जरूरतमंदों के लिए भोजन, दवाएं, मास्क, सेनेटाइजर, जाने-जाने के साधन जुटाने के साथ ही इस महामारी की चपेट में आए लोगों को अस्पतालों में भर्ती करवाकर उनका इलाज करवाने और उन्हें इस गंभीर बीमारी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यही नहीं समाज के लिए दिन रात काम कर रही इन संस्थाओं ने जागरूकता अभियान चलाकर सरकार द्वारा जारी गाइड लाइनों का पालन करवाने के लिए घर घर जाकर प्रेरित भी किया। लोगों को इस गंभीर बीमारी से बचाव के उपाय बताए गए और निराश-हताश लोगों का हौंसला भी बढ़ाया।

सम्मान समारोह में 70 संस्थाओं और विशिष्ठजनों को कोरोना योद्धा सम्मान से सम्मानित किया गया। कोरोनाकाल में इन संस्थाओं और लोगों ने असहाय, हताश और निराश लोगों की मदद करने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। सम्मान समारोह का सभी संस्थाओं के प्रमुखों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर गणेश वन्दना के साथ किया गया।

इन संस्थाओं को किया गया सम्मानित

कोरोनाकाल में इन संस्थाओं की ओर से जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन, राशन किट, मास्क, सनीटाइजर का वितरण के साथ ही अपने अपने क्षेत्रों में सेनेटाइजर का छिड़काव भी किया गया। कई संस्थाओं की ओर से गंभीर रोगियों के इलाज के लिए अस्पताल में एडमिट कराने से लेकर उनके लिए आक्सीन और दवा की भी मदद की गई। इनमें प्रमुख रूप से – जागृति लीला मैमोरियल फाउंडेशन, देवभूमि उत्तराखड एकता मंच, कल्याणी सामाजिक संस्था, उत्तरांचल भ्रात्रि सेवा संस्थान, यूके टीम इंडिया, कुमाऊं जनमंडल समिति, गढ़ कुमाऊं युवा समिति, गढ़वाल हितैषिणी सभा, भयात एनजीओ, शिक्षा से श्खिर तक, उत्तराखंड आवाज मंच, उत्तरांचल नवयुवक धार्मिक रामलीला कमेटी, कलश कलाश्री, बिजनेस उत्तरैणी, कुमाऊं सांस्कृतिक कला मंच, उत्तराखण्ड जन संरक्षण समूह, शांभवी समाज सेवा समिति, सांस्कृतिक मंडल कुमाऊं स्क्ïवायर, आरडब्ल्यू कुमाऊं, आरडब्लूए स्ïक्ïवायर वेस्ट विनोद नगर, पर्वतीय लोक कला मंच, यूथ4यूके, उत्तराखंड जन जागृति संघ, गढ़वाल धार्मिक एवं सांस्कृतिक मंडल, कुमाऊं सांस्कृतिक समिति, देवभूमि संस्कृत धार्मिक समिति, उत्तराखंड एकता संगठन, देवभूमि उत्तराखंड सांस्कृतिक मंडल, पर्वतीय कला केन्द्र, अल्मोड़ा भवन, सार्थक प्रयास, भुम्याल विकास मंच, उत्तरांचल सांस्कृतिक भ्रातृ समिति, मानव अधिकार एवं अपराध निमंत्रण संगठन।

व्यक्तिगत सहयोग के लिए सम्मानित किए गए समाजसेवी

इसके साथ ही कुछ प्रमुख समाजसेवियों को भी कोरोनाकाल में उनके द्वारा दिए गए विशेष सहयोग के लिए सम्मानित किया गया जिनमें रणजीत गड़ाकोटी, प्रेमा धोनी, जगत सिंह बिष्ट, सुरेद्र हालसी, अनिल पानू, मोहन सिंह रावत, पीएन शर्मा, दिनेश दीवान नयाल, अजय रावत, संजय दरमोडा, बृजमोहन उपे्रती, डाक्टर विनोद विछेती, डाक्टर कुलदीप भंडारी, रवि नेगी, गीता रावत, हरेंद्र डोलिया, चंदन भैसोड़ा, अर्जुन राणा, उदय ममगई राठी, अनिल पंत, बीएन ढौडियाल, वी एन शर्मा, किशोर रावत, गिरीश कबडवाल, नारायण पपोला, जीएस अवाना, डाक्टर राजेश्वरी कापडी, सतीश कुमार, कश्मीरी लाल, शिवराज सिंह बिष्ट, लक्ष्य पांडे, संजय न्योली, दया सागर, पंडित मोहन लाल लसियाल।

सम्मान के असली हकदार कोरोना योद्धा : कुन्दन भैसोड़ा

इस अवसर पर म्यर पहाड़ उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष कुन्दन भैसोड़ा ने कहा कि आज हमें गर्व है कि हमारी समिति उन लोगों का सम्मान कर रही है, जो सम्मान के असली हकदार हैं। हमारी समिति का विचार था कि समाज के लिए समर्पित इन लोगों को एक मंच पर सम्मानित किया जाए। आज हमारी समिति ऐसे लोगों को सम्मानित करके बहुत खुश है, जो लोगों के लिए खुशियां लाए। इन संस्थाओं और लोगों ने कोरोना महामारी में जिस साहस और धैर्य का परिचय देते हुए महामारी का सामना किया और जरूरतमंदों के लिए काम किया वह किसी से छुपा नहीं है। हमारी समिति के पदाधिकारियों ने भी आगे आकर असहाय और जरूरतमंद लोगों के लिए काम किया था। समिति द्वारा जरूरतमंदों के लिए भोजन की व्यवस्था कराने के साथ ही, दवा-पानी की भी व्यवस्था करवाई गई। वह वक्त बहुत खराब था। अधिकतर लोग कोरोना महामारी के चपेट थे, कई लोग बेरोजगार हो चुके थे। बीमार लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा था। गरीबों के पास खाने का सामान तक नहीं था। किसी के पास किराया देने के लिए पैसे न थे तो किसी के पास घर जाने के लिए पैसे न थे। तो ऐसे में सामाजिक संस्थाओं ने आगे आकर लोगों की पीड़ा देखी, सुनी और हर तरह से लोगों की मदद की। हताश, निराश लोगों को भरोसा दिलाया और उनकी हर तरह की समस्या का समाधान किया। आज ये सभी संस्थाएं उस सम्मान के हकदार हैं जिन्होंने दिन-रात एक करके अपनी परवाह किए बिना लोगों की परवाह की और लोगों को नया जीवन दिया।

म्यर पहाड़ उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समिति का गठन भी इसी उद्देश्य से हुआ था कि उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत को महानगर में भी सजोए और बचाया जा सके। वर्ष 2016 में  म्यर पहाड़ उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समिति बनाई गई। शुरूआत में हमने दिल्ïली-एनसीआर के लोगों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जोड़ा। उत्तराखण्ड में मनाए जाने वाले हर तीज-त्यौहार को दिल्ïली में भी पारंपरिक ढंग से मनाने का प्रयास किया। होली मिलन, दीपावली, हरेला समेत सभी त्यौहारों को यहां पर सामूहिक तौर पर मनाने का प्रयास किया। साथ ही नई पीढ़ी को यह भी बताया कि हम इन त्यौहारों को अपने गांव-घरों में कैसे मनाते आ रहे हैं, ताकि महानगरों में रह रहे लोग भी अपनी संस्कृति से रूबरू हो सकें। हमारा उद्देश्य नई पीढ़ी को इस विरासत को संभालने के लिए भी तैयार करना था। इसके लिए हमने कुमाऊंनी और गढ़वाली भाषाओं में कक्षाओं का संचालन भी किया। अपनी मातृभाषा को सीखने के लिए ऑनलाइन और ऑफ क्लासों का संचालन किया गया और भविष्य में भी हम ऑनलाइन क्लास के माध्यम से शहरों और महानगरों में रह रहे प्रवासियों को अपनी मातृभाषा को सीखाने का प्रयास करेंगे। बीते सालों में लोगों ने इन कक्षाओं में दिलचस्पी दिखाई थी और आज मुझे लगता है कि अधिकतर लोग यहां भी अपनी लोकल भाषा में बोलने का प्रयास करते दिखाई देते है।

वर्ष 2017 में हमारी समिति ने उत्तराखण्ड की सुप्रसिद्ध ऐपड़ कला कार्यशाला का आयोजन किया। ऐपड़ कला की बारीकियों को लोगों में मन में उतारने का प्रयास किया। कार्यशाला के माध्यम से लोगों को ऐपड़ कला को सीखने का मौका मिला और साथ ही अपनी संस्कृति को समझने का भी अवसर मिला। समिति की ओर से समय-समय पर वृक्षारोपण,  स्वच्छता अभियान, कोरोना जागरूगता अभियान भी चलाए गए।

खास रहा बच्चों का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम

सम्मान समारोह में बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। समारोह को समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गणेश गैड़ा, उपाध्यक्ष सुरेश बिनोली और महासचिव हरीश अधिकारी ने भी संबोधित किया।

म्यर पहाड़ उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समिति की कार्यकारिणी

  • कुन्दन भैसोड़ा – अध्यक्ष
  • गणेश गैड़ा – वरिष्ठ उपध्यक्ष
  • सुरेश बिनोली -उपाध्यक्ष
  • हरीश अधिकारी – महासचिव
  • योगेश जोशी – सचिव
  • रमेश बिष्ट – कोषाध्यक्ष
  • रमेश अधिकारी – उपाध्यक्ष
  • राजू उल्साई – संगठन महासचिव
  • सचिन सोलंकी – उप कोषाध्यक्ष