New Parliament Inauguration: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 971 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित बेहद भव्य और त्रिभुजाकार नए संसद भवन का पूरे विधि-विधान से उद्घाटन किया। हालाँकि नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर लगभग पूरा विपक्ष नदारद रहा। नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया। अलग-अलग धर्म के धर्मगुरुओं ने प्रार्थना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद भवन के निर्माण में काम करने वाले श्रमिकों को सम्मानित किया।
नए भवन को पीएम मोदी ने बताया भव्य और दिव्य
संसद के नए भवन के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर आज के दिन को अविस्मरणीय बताया। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि ‘आज का दिन हम सभी देशवासियों के लिए अविस्मरणीय है। संसद का नया भवन हम सभी को गर्व और उम्मीदों से भर देने वाला है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह दिव्य और भव्य इमारत जन-जन के सशक्तिकरण के साथ ही, राष्ट्र की समृद्धि और सामर्थ्य को नई गति और शक्ति प्रदान करेगी।’
स्पीकर ओम बिरला ने बताया लोकतांत्रिक इतिहास का महत्वपूर्ण पल
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने नए संसद भवन के पीएम मोदी के हाथों लोकार्पण को देश के लोकतांत्रिक इतिहास का महत्वपूर्ण पल बताया है। लोकसभा स्पीकर ने ट्वीट कर कहा है कि लोकतंत्र का यह नया मंदिर एकता, अखंडता, समता, न्याय और बंधुत्व की भावना को सशक्त करते हुए हम सभी के लिए देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रेरणा बनेगा।
विपक्ष ने किया किनारा लगाये ये आरोप
देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस सहित लगभग तमाम विपक्षी दलों ने आज नए भवन के उद्घाटन समारोह से किनारा कर लिया। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन किए जाने के बाद रविवार को उन पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ऐसे ‘‘आत्ममुग्ध तानाशाह प्रधानमंत्री” ने यह उद्घाटन किया है, जिन्हें संसदीय परंपराओं से नफरत है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रपति पद पर आसीन होने वाली पहली आदिवासी द्रौपदी मुर्मू को उनके संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन नहीं करने दिया जा रहा है।
वहीं एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने संसद के नए भवन के उद्घाटन पर कहा कि बिना विपक्ष के यह अधूरा कार्यक्रम है। इसका मतलब है कि देश में लोकतंत्र नहीं है। 3 दिन पहले हमें व्हाट्सएप पर निमंत्रण भेजा गया। वे फोन पर विपक्ष के नेताओं से संपर्क कर सकते थे… पुराने संसद भवन से हमारी यादें जुड़ी हुई हैं। हम सभी पुराने संसद भवन से प्यार करते हैं, वह भारत की आज़ादी का वास्तविक इतिहास है।
ये हैं नए संसद भवन की विशेषताएं
नए संसद भवन में एक भव्य संविधान हॉल बनाया गया है, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को प्रदर्शित किया गया है। नए भवन में लोकसभा में राष्ट्रीय पक्षी मोर की आकृति पर बनी नई 888 सीटों की व्यवस्था की गई है। जबकि राज्यसभा में 348 सीटों को राष्ट्रीय फूल कमल की आकृति दी गई है। संयुक्त सत्र के लिए 1272 सीटों वाला एक वृहद हॉल बनाया गया है। साथ ही नए संसद भवन में सांसदों के लिए लाउंज, विभिन्न कमेटियों के लिए कमरे, डाइनिंग एरिया और पर्याप्त पार्किंग की जगह की व्यवस्था की गई है। नए संसद भवन का निर्माण क्षेत्रफल 64,500 वर्ग मीटर है। इसके तीन गेट हैं, जिन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार के नाम से जाना जाएगा। वीआई, सांसदों और विजिटर्स के प्रवेश की अलग-अलग व्यवस्था की गई है।
नई संसद में तीन दीर्घाएं हैं
- संगीत दीर्घा में स्वामी हरिदास, त्यागराजा के चित्र व वाद्य यंत्र, नवरस के भाव, शास्त्रीय नृत्य की
- स्थापत्य दीर्घा में वृहदेश्वर मंदिर-तंजौर लेकर ओरोविल-पुड्डुचेरी तक की झलक दिखाई गई है।
- शिल्प दीर्घा में पत्थर, धातु, लकड़ी से लेकर कपड़ों की शिल्पकारी की झलक देखने को मिल रही है
तिकोना आकर का संसद भवन
“नया संसद भवन त्रिकोणीय आकार में डिजाइन किया गया है। पिछला संसद भवन गोलाकार था। नई संसद भवन के तिकौना आकार का संबंध वैदिक संस्कृति औऱ तंत्रशास्त्र है। सबसे पहली बात यह एक त्रिकोणीय भूखंड पर स्थित है और इसके तीन प्रमुख हिस्से हैं- लोकसभा, राज्यसभा और एक सेंट्रल लाउंज। इसके अलावा, त्रिकोण आकार देश के विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों में पवित्र ज्यामिति का प्रतीक है।
इसका धार्मिक महत्व भी है। इस तिकौने आकार में सभी तरह का धार्मिक समायोजन है। हमारे कई पवित्र धर्मों में त्रिभुज आकार का महत्व है। श्रीयंत भी त्रिभुजाकार है। तीन देवता या त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) भी त्रिभुज का प्रतीक हैं। इसीलिए त्रिभुज आकार का नई संसद भवन बेहद पवित्र और शुभ है।
आसमान से जमीन तक 24 घंटे ‘बाज’ की नजर से नए संसद भवन की सुरक्षा होगी। इसके लिए खास उपकरण लगाए गए हैं। संसद भवन में एंटी ड्रोन और एंटी मिसाइल सिस्टम लगा है। इसके अलावा संसद परिसर के भीतर किसी भी वाहन को ड्रोन की मदद से टारगेट नहीं किया जा सकेगा। सुरक्षा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद अब पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप (पीडीजी), एनएसजी, आईबी, आईटीबीपी और पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस व दिल्ली पुलिस की संख्या में इजाफा किया गया है। बड़ी बात ये है कि नया संसद भवन, पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के उपकरणों से लैस है। अगर कोई भी संदिग्ध गतिविधि होती है तो चंद सेकेंड में उसका पता चल जाएगा।
थर्मल इमेजिंग सिस्टम से लैस है नया संसद भवन
नए संसद भवन में थर्मल इमेजिंग सिस्टम और फेस रिकग्निशन सिस्टम वाले कैमरे लगाए गए हैं। इनकी मदद से संदिग्ध गतिविधि को रोकने में मदद मिलती है। अपडेट सीसीटीवी सिस्टम, 360 डिग्री पर काम करता है। खास बात है कि अगर कोई व्यक्ति कैमरे के घूमने की विपरित दिशा से संसद भवन परिसर में घुसने का प्रयास करता है तो भी वह पकड़ा जाएगा। एक कैमरा जब विपरित दिशा में घूमता है तो उसी वक्त सेकेंड और थर्ड कैमरा, पहले वाले कैमरे की दिशा में आ जाता है। संसद भवन परिसर में ऐसे उपकरण लगाए गए हैं, जो सांसदों को उनकी गाड़ी में बैठने के बाद भी महफूज रखते हैं। मतलब, संसद परिसर में उनकी गाड़ी पर ड्रोन आदि से कोई हमला नहीं हो सकेगा।
हवाई हमले से बचने के लिए डबल प्रोटेक्शन गीयर
सुरक्षा से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, चूंकि नए संसद भवन की सुरक्षा के लिए जो एंटी ड्रोन और एंटी मिसाइल सिस्टम लगाया गया है, उसकी पूर्ण जानकारी देना ठीक नहीं है। हम नहीं चाहते हैं कि शत्रु राष्ट्र या आतंकी समूहों तक वह सूचना पहुंचे। इसे गोपनीय रखा गया है। इतना ही कहा जा सकता है कि नया संसद भवन बेहद सुरक्षित है। किसी भी हवाई हमले से बचने के लिए डबल प्रोटेक्शन गीयर मौजूद रहेंगे। ड्रोन है तो उसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से और शूटर द्वारा भी गिराया जा सकता है। आप केवल इतना समझ लें कि ऐसी कोई वस्तु संसद भवन के करीब ही नहीं आ सकती। उसे बीच रास्ते में ही मार गिराया जाएगा।
सिक्योरिटी को लेकर एक कॉमन सेंटर स्थापित
नए संसद भवन की सिक्योरिटी को लेकर एक कॉमन सेंटर रहेगा। इसके साथ पीडीजी, आईटीबीपी, खुफिया ब्यूरो, विशेष सुरक्षा समूह, एनएसजी व दिल्ली पुलिस की इकाई जुड़ी होगी। अगर संसद परिसर में कहीं भी कोई अप्रिय अलर्ट मिलता है तो उसकी सूचना उक्त सभी एजेंसियों के पास पहुंचेगी। फेस रिकग्निशन अलर्ट भी उक्त एजेंसियों के साथ साझा होगा। पीडीजी के जवानों की संख्या लगभग 17 सौ रखी गई है। पीडीजी में सीआरपीएफ के युवा अफसरों को तैनात किया गया है। इस सेवा में आने के लिए सहायक कमांडेंट की आयु 38 वर्ष से कम होनी चाहिए। पीडीजी, संसद भवन परिसर की संपूर्ण सुरक्षा करता है। इसके जवानों को न केवल आतंकी हमले से निपटने का प्रशिक्षण दिया गया है, बल्कि ये किसी प्राकृतिक आपदा से भी पार पाने में भी एक्सपर्ट हैं। अगर संसद परिसर की बात करें तो अब यहां पर करीब सात सौ सीसीटीवी कैमर हो गए हैं। ये इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम पर काम करते हैं। यानी इन पर 24 घंटे नजर रखने की जरुरत नहीं है। यह सिस्टम किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दे देगा। कई जगहों पर वाहन स्कैनर लगाए गए हैं।